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Agranews: Holika Puja and Dahan auspicious time, the colors of Gulal also have a deep impact on life
आगरालीक्स… होलिका दहन 17 मार्च को है। पूजा पाठ, गुलालों का प्रभाव, होली दहन का शुभ मुहूर्त समेत विस्तृत जानकारी।
भद्राकाल नहीं होगा होलिका दहन के समय
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान, गुरु रत्न भंडार के ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक होलिका दहन के समय “भद्राकाल (भद्रा)” नहीं होगा, फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्रा काल (भद्रा ) सुबह सूर्योदय से प्रारंभ होकर दोपहर 01:39 से प्रारम्भ होकर 1 8मार्च शुक्रवार की दोपहर 12:47तक समाप्त हो जाएगी।
होली का स्थापना एवं पूजन हेतु शुभ मुहूर्त
विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार प्रातः 06:31 से दोपहर 08:05मिनट तक शुभ का बहुत ही बेहतरीन चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेंगा इसके बाद सुबह 11:01से दोपहर 03:31 तक बेहद शुभ समय माना जाएगा जिनमें चौराहे या गली मोहल्लों की होली का स्थापना हेतु एवं पूजा पाठ हेतु अति सुंदर महूर्त कहे जा सकते हैं इसमे होलिका कीस्थापना करना एवं पूजा पाठ करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी इसमे घरो मे रखी जाने वाली होलिका का भी शुभ समय शुभ माना जाएगा।
घर के लिए पूजा का समय
घरेलू लोगों के लिए पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय दोपहर 01:39 से 03:31कहा जा सकता है इस समय “चर, लाभ,अमृत”के तीन विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन के लिए सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त शाम 06:43 मिनट से रात 10:15 बजे तक उपलब्ध रहेंगे इसी समय में “शुभ,अमृत एंव चर”की चौघड़िया मुहूर्त चल रही होंगी जो होलिका दहन के लिए सर्वोत्तम कही जा सकती हैं। इस समय में सामूहिक चौराहों व गली-मोहल्लों की होलिका दहन करना शुभ रहेगा।
घऱों की होलिका दहन का समय
इस सबके अलावा रात 04:30 से प्रात:0 6:20 तक ” शुभ, अमृत” के दो चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होंगे जो घरों की होलिका दहन के लिए सर्वश्रेष्ठ कहे जा सकते हैं।
पूजन विधि
-इस दिन व्रत रखते हैं। दोपहर को हनुमान जी की पूजा होती है जैसे दीपावली वाले दिन की जाती है, दोपहर को होली का को पूजने जाती हैं। एक थाली में 1 घंटी पानी ,कच्चा सूत, हल्दी ,चावल थोड़ा सा आटा गुड,दाल,घी 8 पूरी हलवा पिचकऊआ (छोटी-छोटी गुजिया ) दीपक , गुलरियों की माला ,1.रुपया ,नमक की डेली होली पूजन किया जाता है।
गुलालों का प्रभाव
– लाल गुलाल से ठाकुर जी का तिलक करने से क्रोध नहीं आएगा घर में खुशहाली बनेगी।
– पीले रंग के गुलाब से ज्ञान बुद्धि ,विद्या ,विवेक की प्राप्ति होती है पूरे वर्ष बच्चों की पढ़ाई लिखाई में उन्नति होगी।
– गुलाबी रंग के गुलाल से समाज में मान प्रतिष्ठा प्रेम संबंध मधुर होते हैं एवं समाज में रुतबा बढ़ता है।
– सफेद चंदन या केसर के तिलक लगाने से सुख-समृद्धि या लक्ष्मी की प्राप्ति पूरे वर्ष होती है।
– हरे रंग का गुलाल लगाने से उन्नति, लाभ बढ़ेगाव रोगों में कमी आयेगी।
– सात रंगों के गुलाल से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है वह पूरे परिवार में हर प्रकार की खुशहाली बनी रहती है।