आगरालीक्स…बैसाखी का पर्व कल शुक्रवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। गुरुद्वारों में होंगे कार्यक्रम। गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी इस दिन खालसा पंथ की स्थापना।
इस दिन हुई थी खालसा पंथ की स्थापना
बैसाखी का पर्व मनाने के पीछे कई कारण हैं। इनमें से एक मुख्य कारण है कि इस दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसके अलावा इसे सिखों के नए पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
रबी की फसल पकने का भी होता है उत्साह
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रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है, इसलिए भी बैसाखी का पर्व मनाया जाता है।
देश में अलग-अलग नामों से मनाते हैं लोग
देश में इस त्योहारों को कई नामों से भी बोला जाता है और मनाया जाता है। असम में इसे ‘बिहू’, बंगाल में ‘पोइला बैसाख’ तो वहीं केरल में ‘पूरम विशु’ के नाम से जाना जाता है।
सूर्य देव 14 अप्रैल को आएंगे मेष राशि में
पंचांग के अनुसार इस साल बैसाखी का पर्व 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन ही मेष संक्रांति होगी क्योंकि सूर्यदेव 14 तारीख को मेष राशि में प्रवेश करेंगे।