आगरालीक्स …मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव, जयाप्रदा, समेत कुल 4 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। आगरा के प्रत्याशियों में खलबली। रविवार सुबह कैबिनेट मंत्री शिवपाल को बर्खास्त किए जाने की खबर आते ही खलबली मच गई। शिवपाल के करीबियों के होश उडे हुए हैं, ऐसे में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुडे प्रत्याशियों को डर सताने लगा है। उन्हें शिवपाल और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में से किसी एक का समर्थक माना जाएगा, इससे टिकट तक कट सकती है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 5 कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर बैठक में बर्खास्त होने वाली कैबिनेट मंत्री में शिवपाल के अलावा शादाब फातिमा, नारद राय, मदन चौहान व ओम प्रकाश हैं। जयाप्रदा की बर्खास्तगी को अमर सिंह से अखिलेश की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें शिवपाल खेमे के एमएलए व एमएलसी शामिल नहीं हुए थे। इस संबंध में अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र भेज दिया है। सपा मुख्यालय में 24 अक्तूबर को विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, प्रत्याशियों की बैठक प्रस्तावित है। इसमें सपा मुखिया मुलायम सिंह मौजूद रहेंगे।
जनकपुरी आयोजन में एक महीने पहले शिवपाल आए थे आगरा
सियासत में आगरा में चल रहे जनकपुरी महोत्सव में मर्यादा तार तार हो गई, राम, लक्ष्मण नाराज हो गए और जनक मंच से जाने लगे, उन्हें पदाधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से शांत किया। बल्केश्वर में आयोजित जनकपुरी महोत्सव में बुधवार को जानकी विदाई के कार्यक्रम के दौरान
मंच पर सीता, राम और उनके तीनों भाइयों के स्वरूप विराजमान थे। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव को आरती के लिए मंच पर आमंत्रित किया गया। उनके साथ सपा के नेता और कार्यकर्ता भी मंच पर चढ़ने लगे। उन्हें रोकने के लिए बाउंसर और पुलिस ने प्रयास किए, लेकिन राज्यमंत्री रामसकल गुर्जर, जिला संगठन प्रभारी विपुल पुरोहित, जिलाध्यक्ष राम सहाय यादव, शहर अध्यक्ष रईसुद्दीन कुरैशी जैसे तमाम पदाधिकारियों को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा सके। उनके छुटभैये भी मंच पर चढ गए। पुलिस से सीढ़ियों पर धक्कामुक्की भी हुई। आरती के दौरान भी अव्यवस्थाएं हावी रहीं। उद्घोषक शशांक प्रभाकर ने मंच से शिवपाल जिंदाबाद के नारे लगवाए दिए। सामने खड़े सपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने भी नारे लगाए।
कैबिनेट मंत्री ने मांगे वोट
जनकपुरी महोत्सव की कार्यकारी अध्यक्ष डा. कुंदनिका शर्मा उत्तर विधानसभा से सपा की प्रत्याशी हैं। ऐसे में कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने भाषण समाप्त करते हुए जनता से वोट मांगे और भगवान राम से कल्याण करने का आशीर्वाद मांग लिया। महामंत्री श्री रामलीला कमेटी के महामंत्री रामप्रकाश अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि जनक मंच की मर्यादा का खुला उल्लंघन हुआ है। राम, सीता सहित सभी स्वरूपों के सिंहासनों के बराबर से किसी की कुर्सी नहीं डाली जाती है लेकिन यहां नेताओं को उनके बराबर बिठाया गया है। खुलेआम मंच से जिंदाबाद के नारे लगवाए जा रहे हैं। क्या जनकपुरी जैसे धार्मिक मंच से यह शोभा देता है?
जाने लगे थे राम, लक्ष्मण
जनकपुरी महोत्सव कमेटी में सम्मान समारोह जानकी की विदाई के अगले दिन होने वाली सांस्कृतिक संध्या के दौरान होता है, इस बार परंपरा तोड़कर विदाई के दौरान स्वागत समारोह आयोजित कर दिया गया। कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के स्वागत का कार्यक्रम भी काफी देर चला। इसके बाद शहर के कुछ चिकित्सकों, समाजसेवियों, कमेटी के पदाधिकारियों को भी सम्मानित करना शुरू कर दिया। मंच पर स्वरूपों की अनदेखी होने लगी। अफरातफरी, भीड़ और शोरशराबे से नाराज राम, लक्ष्मण सहित सभी स्वरूप नाराज होकर उठकर जाने लगे। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से उन्हें शांत किया। डा. कुंदनिका शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष जनकपुरी महोत्सव समिति का मीडिया से कहना है कि किसी अति उत्साही कार्यकर्ता ने शिवपाल जिंदाबाद का नारा लगा दिया होगा। मैंने या कमेटी के पदाधिकारी ने नारा नहीं लगाया। रही बात प्रदेश अध्यक्ष के वोट मांगने की तो उन्होंने मेरे लिए आशीर्वाद मांगा था। हो सकता है वोट वाली बात मुंह से निकल गई हो। मैंने जनमहल को सियासी मंच नहीं बनाया। यदि ऐसा होता तो कांग्रेस के सांसद राजबब्बर को आमंत्रित नहीं किया जाता।
(इंटरनेट फोटो )
Leave a comment