मंगलवार शाम पांच बजे पप्पू सौ रुपये लेने के लिए मोहन के घर पहुंचा और गाली गलौज कर लौट गया। थोड़ी देर बाद वह फिर से मोहन के घर पहुंच गया। मोहन का कहना था कि उन्होंने उसे रुपये दे दिए थे, लेकिन वह इस बात को मानने को तैयार नहीं था। पप्पू गाली-गलौज करता हुआ फिर से अपने घर चला गया। थोड़ी देर बाद ही मोहन का बेटा जय उपाध्याय पप्पू के घर पहुंच गया। गाली-गलौज का विरोध किया तो दोनों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि इसके बाद जय उसे खींचकर अपने घर के सामने लाया। इसके बाद खड़ंजे पर पटक-पटककर कर उसकी हत्या कर दी और भाग निकला।
हत्या की खबर लगते ही पप्पू के परिजनों के साथ बस्ती की भीड़ ने मोहन के घर पर हमला बोल दिया। मोहन को घर से खींचकर पीट-पीटकर लहूलुहान और अधमरा कर दिया। इसके बाद घर के सामने खड़ी दो मोटरसाइकिलें फूंक दी। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की, लेकिन कम संख्या होने के कारण पुलिस की नहीं चली। सकरी गली में उपद्रव को नियंत्रित करने में पुलिस को सफलता नहीं मिली।
हत्या के बाद उपद्रव की सूचना पर एसएसपी राजेश डी मोदक फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भाजीं और रबर बुलेट फायर कर स्थिति को नियंत्रण में किया। देर रात तक बस्ती में तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। पप्पू के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने जय उपाध्याय, पिता मोहन उपाध्याय और चाचा शशि उपाध्याय के खिलाफ हत्या और एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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