गजेंद्र की बेटी मेघा से बात करते-करते वह फफक कर रोने लगे। उन्होंने मेघा से कहा बेटी मुझे माफ कर देना हम लोग आपके पिता को नहीं बचा सके। मैं और आप के नेता तुम्हारा गुनहगार हैं। यह बात उन्होंने दर्जनों बार दोहराई। उनको रोता देखा ऐसा लगा मानो मेघा खुद अपना दुख दर्द भूल गई हो। वह भी हक्का बक्का खड़ी खामोशी से उन्हें टीवी पर निहारती रही।
उन्हाेंने राजनीतिज्ञों को नसीहत दी कि आप लोग इस मामले में राजनीति नहीं करें। यह गंदी राजनीति है। हम राजनीति में इसलिए नहीं आए थे। उन्होंने कहा कि मैं मान रहा हूं कि हम इन्सान हैं हमसे गलती होती है। हमसे गलती हुर्इ भी लेकिन हम पर इलजाम मत लगाएं। कांग्रेस और भाजपा को उन्होंने इस तरह की राजनीति से बाज आने की अपील की।
बहस के दौरान आशुतोष ने रोते हुए कहा कि हमने पूरी जिंदगी न्याय की लड़ाई लड़ी है। हम पर ही आरोप लगा रहे है, कि आप लोगों ने हत्या के लिए गजेंद्र को उकसाया है। आप जांच कराई अगर हम दोषी हैं तो हमें शूली पर चढ़ा दीजिए।
यह पत्रकारिता नहीं है
उन्होंने कहा यह पत्रकारिता बंद कीजिए। यह पत्रकारिता नहीं है। यह कतर्इ पत्रकारिता नहीं है। हमें मालूम है पत्रकारिता क्या होती है। हम भी पत्रकार रहे हैं, पर इस तरह की पत्रकारिता मैंने नहीं की है। प्लीज आप लोग इस तरह की पत्रकारिता नहीं करें।
आपकों बता दें कि 22 अप्रैल को जंतर-मंतर पर आप की किसान रैली के दौरान गजेंद्र ने पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। घटना के दो दिन बाद आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उस घटना के लिए माफी मांगी है। इससे पहले भी अपने एक शो के दौरान कार्यक्रम में आशुतोष सीधे प्रसारण में रो पड़े थे।
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