आगरालीक्स…आगरा की शोध छात्रा की लैब में रेप के बाद नृशंसता से हत्या को छह साल हो चुके हैं, इंसाफ के लिए पिता लंबी लडाई लड रहे हैं।
दयालबाग शिक्षण संस्थान की बायो नैनो टैक्नोलॉजी लैब में 15 मार्च 2013 को शोध छात्रा की नृशंसता से हत्या की गई थी। इसमें संस्थान के अध्यक्ष के धेवते उदयस्वरूप और लैब टैक्नीशियन यशवीर सिंह संधू को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले की जांच बाद में सीबीआइ ने की। स्थानीय अदालत में गवाही चल रही थी। आरोपित पक्ष ने आरोपों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में रिट दायर की। इसके बाद शोध छात्र के पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में तय किए गए आरोपों में ही ट्रायल कोर्ट को सुनवाई के निर्देश दिए हैं। अब 18 मार्च को इसकी सुनवाई होगी।
376 ए बढाई गई
इस मामले में सीबीआई ने पांच जनवरी 2016 को आरोपी उदय स्वरूप पर हत्या 302, दुष्कर्म 376 और साक्ष्य मिटाने 201 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। शनिवार को 376 ए की बढा दी गई, इस धारा में कोई व्यक्ति युवती के साथ रेप करता है और उस दौरान ऐसी चोट आतीं हैं जिससे उसकी मौत हो जाए, यह धारा लगाई जाती है, इस धारा में न्यूनतम 20 साल की सजा और आजीवन कारावास का प्रावधान है।
ये है मामला
15 मार्च 2013 : डीईआई लैब में हत्या। कार खेल गांव के पास मिली।
16 मार्च : छात्र-छात्राओं ने आंदोलन छेड़ा। दो दिन तक पूरे शहर में हंगामा रहा।
17 मार्च : पुलिस जांच, छात्रा का गायब लैपटॉप लैब के पीछे झाड़ियों में मिला।
18 मार्च : नेहा का मोबाइल भी परिसर में मिला। गाइड समेत सैकड़ों से पूछताछ।
31 मार्च : निठारी कांड में जांच करने वाली फोरेंसिक टीम ने लैब से साक्ष्य जुटाए।
02 अप्रैल : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गूंजा हत्याकांड।
05 अप्रैल : जम्मू-कश्मीर की पुलिस टीम आई। दो दिन यहां रही।
23 अप्रैल : उदय और यशवीर की गिरफ्तारी। दोनों को जेल भेजा।
16 जुलाई : पुलिस ने अदालत में भी चार्जशीट पेश कर दी।
22 जुलाई : सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश।
29 अगस्त : सीबीआई ने डीईआई पहुंचकर जांच शुरू की।
11 फरवरी : 2014 उदय और यशवीर कोर्ट से जमानत पर रिहा
जनवरी 2015 : सीबीआई ने आगरा के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, उदय स्वरूप ने रेप के बाद की थी हत्या