(इंटरनेट फोटो)
शमसाबाद के स्वास्थ्य केंद्र में रविवार रात और सोमवार को एक के बाद एक चार डिलिवरी हुई। स्टाफ नर्स गीता यादव ने डिलिवरी कराई। एक के बाद एक तीन नवजात की प्रसव के बाद मौत हो गई, इसके बाद चौथी डिलिवरी नगला पोहप सिंह निवासी करिश्मा की हुई, उसे बेटा पैदा हुआ। वह सांस नहीं ले पा रहा था, उसे आगरा के लिए रेफर कर दिया गया। रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। सीएचसी पर चार नवजात की मौत होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। मंगलवार को सीएमओ डॉ बीएस यादव सीएचसी पहुंचे, यहां एसडीएम के साथ गांव में गए। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों के न रहने की शिकायत की।
सामने थी डॉक्टर, नर्स ने नहीं बुलाई
सीएचसी के आवास में डॉ सीमा स्त्री रोग विशेषज्ञ रहती हैं। नर्स गीता यादव ने प्रसव के बाद जब नवजात की तबीयत बिगड गई तो सामने रह रही डॉ सीमा को नहीं बुलाया। इसके बजाय एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन कर दिया। प्रसव के बाद पहले एक मिनट में बच्चे को सांस ले लेनी चाहिए, ऐसा न होने पर डॉक्टर सांस दिलवाते हैं। इस केस में भी यही हुआ, वह सांस नहीं ले सका और डॉक्टर के न होने पर उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर गायब, अधीक्षक को पता नहीं
सीएचसी शमसाबाद पर रविवार और सोमवार को डॉ देवी भाटिया की डयूटी थी, लेकिन वे सीएचसी पर नहीं थी। वह छुटटी लेकर चली गई थी, इसकी सूचना अधीक्षक को नहीं दी थी। सीएमओ डॉ बीएस यादव का कहना है कि डॉ देवी भाटिया का फतेहाबाद और नर्स गीता यादव का अकोला स्थानांतरण कर दिया गया है। वहीं, जांच होने तक नर्स गीता से प्रसव न कराने की हिदायत दी गई है।
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