आगरालीक्स…(Agra News 5th September) आगरा में प्रदेश की पहली किसानों की मंडी को मिली मंजूरी, 600 किसानों का समूह करेगा मंडी का संचालन, जाने क्या होती है निजी मंडी, क्या है फायदे।
प्रदेश में अभी तक सरकार द्वारा मंडी का संचालन किया जा रहा है, यहां किसान अपने उत्पाद लेकर आते हैं, उनसे टैक्स लिया जाता है। जिले में एक मंडी होती है, इसलिए जिले में दूर दराज से भी किसानों को मंडी में ही आना पडता है और स्थानीय स्तर पर ही उत्पादो की बिक्री हो पाती है।
600 किसानों का समूह करेगा संचालन
आगरा में प्रदेश की पहली निजी किसान मंडी को अनुमति मिली है। यह निजी मंडी दिव्य भूमि एग्रीक्रोप प्रोडयूसर कंपनी ने आगरा ग्वालियर रोड पर छीतापुरा नगला वीरई गांव के पास 4610 वर्ग मीटर में विकसित किया है। इस मंडी को किसानों का समूह, यानी एपफपीओ संचालित करेगा, यह प्रदेश का पहला एफपीओ है जिसे निजी मंडी संचालित करने की अनुमति मिली है।

देश दुनिया में कर सकेंगे कारोबार, होगी हिस्सेदारी
निजी मंडी में किसानों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा, निजी मंडी में व्यापारियों से एक प्रतिशत शुल्क वसूला जाएगा। इसमें से 25 पफीसद हिस्सा एपफपीओ को मिलेगा और 75 फीसद हिस्सा मंडी समिति को मिलेगा। निजी मंडी से किसान अपने उत्पाद देश दुनिया में बिक्री कर सकेंगे, इस पर कोई पाबंदी नहीं होगी। निजी मंडी के लिए तीन साल की अधिसूचना जारी की गई है, इसके बाद नवीनीकरण होगा। निजी मंडी में किसानों को अच्छे रेट मिलने की उम्मीद है और भाडा भी कम लगेगा, नजदीक होने पर समय भी बच जाएगा।
मंडी में पोस्ट हार्वेस्ट की भी व्यवस्था होगी, जिससे उत्पाद नहीं बिकता है तो वह खराब न हो, इसके इंतजाम किए जाएंगे।