नईदिल्लीलीक्स…नामीबिया से लाए गए चीतों ने कूनो नेशनल पार्क में सहमते हुए पहला कदम रखा। इनमें पांच मादा,तीन नर चीते हैं। जानिये इनकी रोमांचकारी कहानी।
दो से पांच साल के हैं चीते

अब कहां आ गए हम… नामीबिया से आया चीता कूनो नेशनल पार्क को देखता हुआ, जो अब उनका नया घर है
चीता कंजर्वेशन फंड (सीसीएफ) के मुताबिक मादा चीता दो से पांच साल की हैं और नर चीतों की उम्र साढ़े चार से साढ़े पांच साल की उम्र के बीच के हैं। इनमें से दो चीते भाई-बहन हैं।
साथ शिकार करने और जीवनभर निभाते हैं साथ
नामीबिया में ओत्जीवारोंगो के पास सीसीएफ के निजी अभयारण्य में जुलाई 2021 से रह रहे हैं। यह चीते उस प्रजाति से हैं जो जीवनभर साथ रहने के लिए जाने जाते हैं इसके साथ ही एक साथ शिकार करना इनकी खासियत है, इन्हीं में से एक नर चीता ऐसा है जो नामीबिया के संरक्षित वन्यजीव अभयारण्य एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में मार्च 2018 में जन्मा था, खास बात ये है कि इसकी मां भी वहीं जन्मी थी।
दवानल में मां की मौत, भाई-बहन मिले थे कुपोषित
दो भाई-बहन चीतों में से एक दो साल की मादा है, ये दोनों दक्षिण पूर्व नामीबिया में गोबाबिस के पास मिले थे। इन दोनों को खोजा गया उस समय ये बहुत कुपोषित थे। सीसीएफ का कहना है कि इनके मिलने से कुछ सप्ताह पहले ही जंगल में लगी आग में इनकी मां झुलस कर मर गई थी, इसके बाद ये दोनों सितंबर 2020 से सीसीएफ के केंद्र में रह रहे हैं। बता दें कि सीसीएफ एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय नामीबिया में है।
इन चीतों की कहानी भी है दिलचस्प
इन्हीं में से एक 2.5 साल की मादा चीता एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में अप्रैल 2020 में जन्मी थी। चौथी मादा चीता 2017 के अंत में गोबाबिस के पास एक खेत में मिली थी, जिस समय ये खेत में काम करने वाले श्रमिकों को मिली वह बहुत कुपोषित थी, बाद में उसका इलाज कर स्वस्थ किया गया। सीसीएफ के कर्मियों ने एक अन्य मादा चीता को फरवरी 2019 में नामीबिया के उत्तर पश्चिम हिस्से में कमनजाब गांव के पास से पकड़ा था।