नई दिल्लीलीक्स…(4 June 2021) मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति का हुआ निधन, लेकिन भारत सरकार ने घोषित किया राजकीय शोक. जानिए क्यों भारत के लिए खास थे वे…
भारत में एक दिन का राजकीय शोक
मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ का शुक्रवार को निधन हो गया. उनके निधन पर भारत सरकार ने शनिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक का ऐलान किया है. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की है. उनके निधन से भारत में शनिवार को राजकीय शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा तथा कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा. अनिरुद्ध जगन्नाथ का 91 वर्ष की आयु में 3 जून, 2021 को निधन गया. वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ही रह चुके हैं.
मॉरीशस, अनिरुद्ध जगन्नाथ और हिंदी
मॉरीशस के दिग्गज नायक अनिरुद्ध जगन्नाथजी के पुरखे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से संबंधित थे और काफी पहले गन्ने की खेती के लिए अंग्रेजों द्वारा मॉरीशस ले जाए गए थे. उऩको प्रथम प्रवासी भारतीय सम्मान से भी उनको नवाजा गया था. हिंदी के प्रति उनका विशेष अनुराग था. वे मॉरीशस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहे और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाय़ी. गिरमिटिया मजदूर से लेकर मॉरीशस के सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने के उनके परिवार की कहानी बहुत प्रेरक है. वहां की राजनीति में वे साठ के दशक से लगातार छाए रहे. शिवसागर रामगुलाम के बाद वहां उनका सबसे बड़ा योगदान माना जाता है.
हिंदी को भारतीय संस्कृति की आत्मा कहते थे
वे हिंदी को भारतीय संस्कृति की आत्मा कहते थे. उऩका कहना था कि हमारे पूर्वजों ने भारत से आकर खून पसीने से मारीशस को गढ़ा और हिंदी ने यहां की आजादी में अहम भूमिका निभायी. इस नाते हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के मुद्दे पर हमारी सरकार का पूरा समर्थन है. सम्मेलन के समापन सत्र में उनका कहना था कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिन्दी को अपना स्थान मिले. उन्होंने जब-जब देश की बागडोर संभाली, तब-तब हिंदी और भारतीय भाषाओं के विकास के लिए काम किया.