Good News: First metro train for Agra Metro Project unloaded at Agra Metro Depot, Know 10 features of the train…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में पहली मेट्रो ट्रेन पहुंची. तीन कोच की यह ट्रेन इन पहले छह स्टेशनों के बीच चलेगी. 10 खासियत जो बनाती हैं इसे विशेष. जानिए कब कर सकेंगे लोग आगरा मेट्रो में सफर
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पहली मेट्रो ट्रेन आज ताजनगरी पहुंच गई. माल रोड स्थित बने यूपीएमआरसी के डिपो में आज आगरा की इस पहली ट्रेन का अनावरण किया गया. इसे यहां ट्रैक पर उतारा गया. तीन कोच वाली इस पहली मेट्रो ट्रेन का अनावरण मंडलायुक्त और जिलाधिकारी द्वारा नारियल फोड़कर किया गया. यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार की उपस्थिति में आगरा मेट्रो रेल डिपो में पहली मेट्रो ट्रेन को उतारा गया, जो यूपीएमआरसी, आगरा मेट्रो परियोजना की टीम के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
आगरा मेट्रो के लिए ट्रेनें सरकार की मेक इन इंडिया पहल और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत गुजरात के सावली में बनाई गई हैं. उसी पर बोलते हुए, एमडी यूपीएमआरसी सुशील कुमार ने कहा, “शुरुआत में आगरा मेट्रो के लिए कुल 28 ट्रेनें और प्राथमिकता कॉरिडोर के लिए 6 ट्रेनें होंगी.
आगरा मेट्रो परियोजना के लिए मेट्रो ट्रेनों का रंग अलग है और वे अति आधुनिक तकनीक और निर्बाध डिजाइन से लैस हैं.
आगरा मेट्रो में होंगी ये दस विशेषताएं
आगरा की मेट्रो ट्रेनों में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे। साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी।
आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं।
प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, इससे घटना का बचाव करने में सहायता मिलेगी। इनकी फुटेज ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी।
प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे। मेट्रो ट्रेनों में टाक बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, जिससे इमरजेंसी कंडीशन में यात्री ट्रेन आपरेटर से बात कर सकें।
आटोमेटिक ट्रेन (Automatic Metro Train) आपरेशन के तहत ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
वायु प्रदूषण कम करने को ट्रेनों में मार्डन प्रापल्सन सिस्टम होगा। सभी ट्रेनों को रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया गया है, ताकि ब्रेक लगाए जाने से उत्सर्जित 45 फीसद ऊर्जा को फिर से इस्तेमाल किया जा सके।
ट्रेनों में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
मेट्रो का बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई दे इसके लिए मेट्रो ट्रेनें तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, ताकि इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता न पड़े।