Happiness and means come from doing religion#agranews
आगरालीक्स(06th August 2021 Agra News)…मुनि श्री ने शुक्रवार को कहा कि लड़ने से सुख, संपत्ति नहीं मिलती। यह संतोष और धर्म करने वाले को मिलती है। “सब ही हैं भीड में, निकल सको तो चलो…।
एमडी जैन इंटर कॉलेज में दिए प्रवचन
एमडी जैन इंटर कॉलेज ग्राउंड हरीपर्वत में शुक्रवार को श्री पार्श्वकथा का तीसरा दिन था। मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज ने मेरुभूती और कमठ के छह भवों की वृतांत सुनाया। कहा कि मेरूभूती का जीव त्याग और धर्म से अपने भवों को सुधारता गया। हाथी, देव,विद्याधर बन 16वें स्वर्ग के सुख भोग कर वज्रानाभी चक्रवर्ती बन गया। वह अतुल्य संपत्ति का स्वामी बना। कमठ क्रोध और बैर में जलते हुए सर्प और नरक में जन्मता हुआ अजगर की योनी में चला गया। वह अपने भव को बिगाड़ता चला गया। इससे सीख मिलती है कि लड़ने व झगड़ने से सुख और सम्पत्ति नहीं मिलती। अपितु सन्तोष और धर्म करने वाले को मिलती है।
विशाल पंडाल भी पड़ा छोटा
उन्होंने कष्टों से न डरने की सीख देते हुए कहा, “सब ही हैं भीड में, निकल सको तो चलो, सफर में धूप तो होगी निकल सको तो चलो। कथा सुनने को शुक्रवार को पूरा शहर उमड़ पड़ा। आज के कार्यक्रम के पुन्यार्जक ज्योतिनगर, शाहगंज, वर्धमान नगर व मारुती एस्टेट शैली थी।
इन्होंने किया मंगलाचरण
मंगलाचरण वन्दना जैन व भक्ति नृत्य ज्योतिनगर की बालिका मंडल ने किया। मुनि श्री के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य आचार्य श्री मेरूभूषण जी महाराज के गृहस्थ अवस्था के परिवार के जितेन्द्र कुमार जैन, प्रह्लाद कुमार जैन व ॠषी जैन, ज्योतिनगर को मिला। मंगल आरती करने का सौभाग्य गिरीशचन्द, सतीशचन्द जैन परिवार को मिला। कार्यक्रम का संचालन मनोज जैन ने किया।
इन्होंने किया उद्घाटन
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्रअनावरण जितेन्द्र जैन, अमरचन्द जैन, हरिओम जैन, निखलेश जैन, ऋषी जैन, सतीशचन्द जैन, अरविंद जैन, पंकज जैन, वर्धमान नगर व बल्लूलाल जैन, प्रमोद जैन शाहगंज आदि ने किया। मीडिया प्रभारी शुभम जैन ने बताया कि श्री पार्श्वकथा के कल के पुण्यार्जक जयपुर हाउस राजामंडी शैली रहेगी।
ये रहे मौजूद
आगरा दिगम्बर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीशप्रसाद जैन, सुनील जैन ठेकेदार,राकेश जैन पर्दावाले, मनीष जैन, चौधरी गौरव जैन, प्रदीप जैन, संजय जैन, विमल जैन, हरिश्चन्द्र जैन, निरन्जनलाल बैनाडा, निर्मल मोठ्या, पुष्पेंद्र आदि मौजूद रहे।