आगरालीक्स(07th August 2021 Agra News)… श्रावण मास की अमावस्या का अपना अलग महत्व है। इसे पितृकार्येषु अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। कालसर्प योग, शनि संबंधी अनेक बाधाओं…।
कल है हरियाली अमावस्या
सावन मास की हरियाली अमावस्या आठ अगस्त रविवार को है। हरियाली अमावस्या का त्योहार सावन महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशी में मनाया जाता है। हरियाली अमावस पर पीपल के वृक्ष की पूजा और फेरे किये जाते हैं। माल पुए का भोग लगाने की भी पंरपरा है। इस दिन पौधे लगाने का भी अपना अलग महत्व है।
कालसर्प योग की करें पूजा
अलीगढ़ के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि अमावस्या के साथ ही यह पितृकार्येषु (पितरों के लिए किए जाने वाले जप दान आदि) की अमावस्या के रूप में भी जानी जाती है। कालसर्प योग, ढैय्या तथा साढ़ेसाती सहित शनि संबंधी अनेक बाधाओं से मुक्ति पाने का यह दुर्लभ समय होता है।
पुष्य नक्षत्र में मनाई जाएगी अमावस्या
रविवार को पुष्य नक्षत्र, कर्क राशि के सूर्य चंद्रमा के साथ हरियाली अमावस्या का संयोग दुर्लभ ही होता है। रविपुष्य योग में हरियाली अमावस्या हो, गुरुवार या सोमवार को पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र हो तो यह अमृत व सर्वार्थ सिद्धि योग कहलाता है। नक्षत्र गणना के अनुसार पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। शास्त्रीय गणना अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव हैं तथा चंद्रमा स्वयं की राशि कर्क में रहेंगे। यह दोनों पितृ कर्म का विशेष लाभ देने वाले माने जाते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म करने से अतिशुभ फल मिलने की शास्त्रीय मान्यता है।

हरियाली अमावस्या के कर्म
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि हरियाली अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके, उसके किनारे बैठकर किसी पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म करवाया जाए तो पितरों को शांति मिलती है। यह कर्म करने के बाद पितरों के नाम से गरीबों को भोजन करवाएं, गाय को चारा खिलाएं, गरीबों को वस्त्र आदि भेंट करना चाहिए।
पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन दोपहर 12 बजे के पूर्व पीपल के पेड़ की 21 परिक्रमा करते हुए जल अर्पित करें। पीपल के पेड़ का पूजन कर मौली के 21 फेरे बांधें। शाम को सूर्यास्त से पूर्व पीपल के पेड़ के नीचे आटे से पांच दीपक बनाकर प्रज्जवलित करें। इससे धन संबंधी समस्या समाप्त होती है। ध्यान रहे यह प्रक्रिया सूर्यास्त के बाद बिलकुल न करें।
इन लोगों को दें दान
अमावस्या के दिन दृष्टिहीन, अपंग, मंदबुद्धि, लंगड़े या जिनका कोई अंग भंग हो गया हो, ऐसे लोगों को वस्त्र और भोजन भेंट करें। इससे जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा होती है।
नदी किनारे करें दीपदान
हरियाली अमावस्या की रात्रि में दीपदान का बड़ा महत्व है। इस दिन रात्रि में किसी नदी, तालाब में दीपदान करना चाहिए। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है
पौधे लगाना शुभ
श्रावणी अमावस्या प्रकृति देवी की आराधना का पर्व है। मान्यता है कि वृक्षों में देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन पौधा लगाना शुभ माना गया है।