यह जानकारी एसीई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में आयोजित इंस्पायर-डीएसटी साइंस कैम्प में विद्यार्थियों को एमजेपी रुहेलखंड विवि, बरेली के भौतिकी के एसो. प्रो. अविनाश अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि नैनोटेक्नोलॉजी में बहुत तेजी से काम हो रहा है। इससे आपके मोबाइल की बैटरी की साइज सिम के बराबर हो जाएगा, जो एक बार चार्ज करने पर दो महीने तक चलेगी। चीर फाड़ के बजाए इंजेक्शन की निडिल में लगे वायर और कैमरे से हर अंग का ऑपरेशन सम्भव हो सकेगा। विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की इच्छा रखने वाले बच्चों के लिए इस क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में नैनोटेक्नोलॉजी के लिए ऐसी दवाएं तैयार की जा रही हैं, जो न सिर्फ प्रभावित अंग बल्कि उस अंग के सिर्फ उस हिस्से पर असर करेंगी जो बीमार है। यानि इससे दवाओं का साइड इफेक्ट अन्य हिस्से व अन्य अंगों पर नहीं होगा। वहीं एएमयू रसायन विज्ञान के एसो. प्रो. सुहाइल साबिर (suhail sabir) ने विद्यार्थियों को जानकारी दी कि यदि वह साइंटिस्ट बनना चाहते हैं तो कैसे पढ़ाई के साथ अन्य तैयारी भी करें। उन्होंने रसायन विज्ञान के बारे में बच्चों को कई जानकारियां दी व उनके सवालों के जवाब भी दिए। इस मौके पर मुख्य रूप से एसीए कॉलेज के निदेशक डॉ. संयम अग्रवाल, चेयरमैन संजय गर्ग, सचिव अखिल गोयल, उमेश शर्मा आदि मौजूद थे।
जब तक सृष्टि रहेगी, तब तक कैमिस्ट्री रहेगी
जब तक सृष्टि है, तब तक कैमिस्ट्री है। कैमिस्ट्री यानि रसायन विज्ञान विस्तार हमारे घर की रसी में खाना और अचार बनाने जैसी चीजों से लेकर न्यूक्लियर साइंस तक है। यह कहना था एएमयू के प्रो. डॉ. एम मुनीर का। उन्होंने कैम्प में मौजूद बच्चों को बताया कि रसायन विज्ञान का हर जगह अहम रोल है। इसलिए इस क्षेत्र में रिसर्च की भी अपार सम्भावनाएं हैं। रसायन विज्ञान के बारे में उन्होंने बच्चों को तमाम नई-नई जानरियां दीं और इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने की भा जानकारी दी।
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