मथुरा में दो जून को जवाहर बाग हिंसा में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, एसओ रिफाइनरी संतोष यादव शहीद हो गए थे और 24 उपद्रवियों की मौत हुई थी। सीएम अखिलेश यादव के आदेश पर एसपी क्राइम से मामले की जांच कराई गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दो जून को शाम को थाना सदर प्रभारी प्रदीप कुमार के साथ एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी सहित पुलिस फोर्स जवाहर बाग पहुंचे थे। यहां उपद्रवियों ने हमला बोल दिया, उस समय एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के साथ हमराह मुख्य आरक्षी भूपेंद्र सिंह, कांस्टेबल कौशलेंद्र सिंह, राय सिंह लालता प्रसाद और प्रदीप कुमार थे। ये एसपी सिटी को अकेला छोडकर भाग गए। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि पांच हमराह थे जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। कुछ अन्य की भी लापरवाही उजागर हुई है। उनके बारे में शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजी रिपोर्ट
प्रदेश सरकार द्वारा जवाहर बाग कांड की रिपोर्ट राज्यपाल राम नाईक को भेजी गई थी, उन्होंने रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी है। इस प्रकरण के बाद से सवाल उठ रहे हैं, ढाई साल से जवाहर बाग का कब्जा क्यों नहीं हटाया गया, जवाहर बाग हिंसा का कारण क्या था और एसपी सिटी और एसओ को छोडकर उनके साथी क्यों चले गए, जिससे उनकी हत्या कर दी गई।
शहीद एसपी सिटी की पत्नी अर्चना बनी ओएसडी
वहीं, शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी को ओएसडी बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की थी। मंगलवार को अर्चना द्विवेदी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ओएसडी वेलफेयर के पद पर ज्वाइन कर लिया है।
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