आगरालीक्स… आगरा में सोमवार 14 फरवरी को सोम प्रदोष व्रत, पुष्य नक्षत्र योग सहित बहुत सारे शुभ योग हैं। इसके क्या हैं लाभ आगरालीक्स में जानिये विस्तार से।
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान, गुरु रत्न भंडार अलीगढ़ के ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक माघ माह के शुक्ल पक्ष में 14 फरवरी 2022 प्रदोष व्रत विशिष्ट योगों के साथ आ रहा है।

पंडित हृदय रंजन शर्मा
इतने सारे योग एक साथ
ये योग हैं प्रदोष, सोमवार, कर्क का चंद्र, पुष्य नक्षत्र, आयुष्मान-सौभाग्य योग, सर्वार्थसिद्धि योग और रवियोग। इन योगों का महत्व और इनमें अपने संकटों के निवारण के लिए किए जाने वाले उपाय भी हैं।
सोम प्रदोष व्रत: समस्त मनोकामना होती हैं पूर्ण
प्रदोष व्रत भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार आता है लेकिन जब यह सोमवार, मंगलवार और शनिवार को आता है तो इसका महत्व अधिक हो जाता है। इसे क्रमश: सोम प्रदोष, भौम प्रदोष और शनि प्रदोष कहा जाता है। सोम प्रदोष के दिन शिवजी का पूजन करने से समस्त मनोकामना पूर्ण होती हैं। आर्थिक सुख-समृद्धि प्राप्त होगी। इस दिन त्रयोदशी तिथि रात्रि 8.29 बजे तक रहेगी
कर्क का चंद्र : दोषों के निवारण के लिए महत्वपूर्ण
14 फरवरी को चंद्रमा स्वराशि कर्क का रहेगा। सोम प्रदोष के दिन चंद्रमा का स्वराशि में रहना चंद्र से जुड़े समस्त दोषों के निवारण के लिए महत्वपूर्ण है। सोम प्रदोष को चंद्र प्रदोष भी कहा जाता है। इसलिए इस दिन भगवान शिव का अभिषेक पंचामृत से करने से जन्मकुंडली में चंद्र से जुड़े समस्त दोष दूर हो जाते हैं
पुष्य नक्षत्र : सभी कार्य रहते अक्षय
पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। यह स्थायित्व देने वाला नक्षत्र है क्योंकि यह शनि और बृहस्पति के आधिपत्य वाला नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ किया गया कार्य स्थायी रहता है। अर्थात् उसका कभी क्षरण नहीं होता। इसलिए सोम प्रदोष के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग कार्य प्रारंभ करने, भूमि, संपत्ति खरीदने, निवेश करने, स्वर्णाभूषण खरीदने के लिए उत्तम है। इस दिन शिवजी का नाम लेकर कोई काम प्रारंभ करेंगे तो उसमें उत्तरोत्तर उन्नति होगी। इस दिन पुष्य नक्षत्र प्रात: 11.53 बजे से प्रारंभ होगा
आयुष्मान-सौभाग्य योग : शिवजी के पूजन से दीर्घायु
14 फरवरी को रात्रि 9.27 बजे तक आयुष्मान योग होगा उसके बाद रात्रि में ही सौभाग्य योग प्रारंभ होगा। प्रदोष काल में आयुष्मान योग रहेगा और चूंकि रात्रि में सौभाग्य योग प्रारंभ होगा इसलिए उसका फल भी इसी दिन प्राप्त होगा। आयुष्मान योग में शिवजी का पूजन करने से रोगियों को विशेष लाभ होगा। रोग निवारण और आयु में वृद्धि के लिए प्रदोषकाल में शिवजी पर 108 बिल्व पत्र अर्पित करें और रुद्राक्ष की माला से एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इससे आयु और सौभाग्य दोनों में वृद्धि होगी। जिन युवक-युवतियों के विवाह में बाधा आ रही है उन्हें इस दिन कच्चे दूध में केसर मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए।
सर्वार्थसिद्धि योग : सोम प्रदोष के दिन प्रात: 11.54 से लेकर संपूर्ण दिन-रात्रिर्पयत सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। सर्वार्थसिद्धि योग में किए गए कार्यो में पूर्ण सफलता प्राप्त होती है। इस दिन कार्यो में सिद्धि के लिए घी में गुड़ मिलाकर शिवजी का अभिषेक करने से समस्त कार्य सिद्ध होते हैं।
रवियोग : रवियोग में किए गए कार्य सफल होते हैं और उनमें उन्नति होती है। सरकारी नौकरी कर रहे लोग उन्नति चाहते हैं या जिनके पास नौकरी नहीं है वे यदि इस दिन मीठे दूध से शिवजी का अभिषेक करें तो जल्द शुभ समाचार प्राप्त होगा।