Muni Shree told the importance of Guru in MD Jain College#agranews
आगरालीक्स(05th September 2021 Agra News)… शिक्षक कोर्स सिखाकर डिग्री देगा और कॉलेज से बाहर कर देगा. लेकिन गुरु हमेशा अनुभव की आत्मा के उत्थान की बात बताएगा. मुनि श्री ने बताई गुरु की महत्ता.
गुरु के दर्शन से मिल जाती हैं खोई हुई निधियां
1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर हरीपर्वत ग्राउंड में अर्हं योग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज और मुनि श्री 108 चंद्र सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ कथा चल रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ विवेक विहार दिल्ली के भक्तों द्वारा मुनिराज का पाद प्रक्षालन करके हुआ। रविवार को परम पूज्य मुनि श्री 108 चंद्रसागर जी महाराज ने कहा कि भगवान को केवल ज्ञान प्राप्त होने पर समोशरण की रचना होती है, जहां सब समा जाते हैं। जहां कोई भी दुखी नहीं रहता। कोई कष्ट नहीं होता। सब को सब कुछ देने वाला समो शरण है। ऐसा ही गुरु जी का दर्शन भी होता है। गुरु जी के दर्शन से आपको खोई हुई सब निधियां मिल जाती हैं। देव शास्त्र गुरु इन तीनों को समझो और अपने जीवन को परिवर्तित करो। मुनि श्री चंद्र सागर जी ने अपने स्कूल के समय का एक बहुत सुंदर संस्मरण सुनाए।
अरिहंत दशा के बारे में बताया
मुनि श्री ने बिजोलिया के विषय में बहुत महत्वपूर्ण बात बताई है। मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर ने बताया कि आज पार्श्वनाथ कथा में ज्ञान कल्याणक का मंगल अवसर है। आज पार्श्वनाथ भगवान की आत्मा को अनंत सुख अनंत ज्ञान की प्राप्ति हुई है। अब उनके जीवन में कोई कमठ नहीं आएगा। जब जीव स्व को उपलब्ध हो जाता है, स्व को प्राप्त कर लेता है, यही अरिहंत दशा है। यही सिद्ध दशा है। यह आत्मा का कंप्लीट सुख है।
गुरु और शिष्य के बारे में बताया
मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर ने गुरु और शिष्य के विषय में बताया, शिक्षक कोर्स सिखाकर डिग्री देगा और कॉलेज से बाहर कर देगा। गुरु हमेशा अनुभव की आत्मा के उत्थान की बात बताएगा और सिखाएगा। संसार से बाहर निकाल लेगा। अभी बाहर का उत्सव तो दिखाई दे रहा है। भीतर भी उत्सव होना चाहिए। आत्मा की विशुद्धि बढ़नी चाहिए। शिक्षक दिवस पर यह शिक्षा लेना एक शिष्य के रूप में गुरु के सामने आना है। गुरु और शिष्य का संबंध शाश्वत होता है। हमेशा बना रहता है। शिष्य जीवन पर्यंत गुरु का उपकार मानते हैं। जब भगवान को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई, ज्ञान किरण प्रकट हुई, तब सभी दिशाएं निर्मल हो गईं। देवों को भी पता चला कि श्री पारस प्रभु को केवल ज्ञान हो गया है।
दिल्ली के भक्तों ने की मंगल आरती
समापन के बाद भगवान पार्श्वनाथ एवं मुनिराज की मंगल आरती दिल्ली से आए भक्तों द्वारा की गई। इस अवसर पर आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीशप्रसाद जैन, महामंत्री सुनील जैन, अर्थमंत्री राकेश जैन, निर्मल मौठया, मनोज जैन, अनंत जैन, हीरालाल बैनाड़ा, विमल जैन, गौरव जैन, अशोक जैन, अनिल जैन, सुमेर पांडया,शुभम जैन मौजूद रहे।