आगरालीक्स (12th October 2021 Agra News)… दुर्गा नवमी पर माता रानी की कृपा पाने के लिए राशि के अनुसार करें पूजा.
अलीगढ़ के ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि इस (महानवमी) दुर्गा नवमी पर माता रानी की विशेष कृपा के लिए अपनी राशि अनुसार विशेष पूजा-अर्चना मन्त्रजाप करें। अपने जीवन को लाभ उन्नति और खुशहाली कारक बनाएं।
मेष- इस राशि के लोगों को मां दुर्गा की विशेष आराधना करनी चाहिए। इनके लिए जप मंत्र- ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम:, 21 माला नित्य। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
वृषभ-मां काली की आराधना विशेष पुण्य फल देने वाली है। जप मंत्र- क्रीं ह्रीं क्लीं, 21 माला नित्य। श्री कालिका सहस्रनाम का पाठ करें। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
मिथुन-मां तारा की विशेष पूजा करें। जप मंत्र – ऊं ह्रीं त्रीं हुंफट, 21 माला नित्य। श्री तारा कवच का पाठ करें। सभी कष्टों का निवारण होगा।
कर्क-इस राशि के लोगों को मां कमला की विशेष पूजा करना चाहिए। जप मंत्र- नम: कमल वासिन्यै स्वाहा, 11 माला नित्य। श्री सूक्त का पाठ करें। शुभ फल प्राप्त होंगे।
सिंह -मां त्रिपुर भैरवी की पूजा खास फल देने वाली रहेगी। जप मंत्र – ऐं क्लीं सौ: सौ: क्लीं, 21 माला नित्य। भैरवी त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करें।
कन्या-कन्या राशि के लोग मां मातंगी की विशेष पूजा-अर्चना करें। ऊं ह्रीं क्ली हूं मातंग्यै फट स्वाहा, 11 माला नित्य। मातंगी सहस्रनाम का पाठ करें।
तुला-महाकाली की आराधना तुला राशि के लोगों के लिए श्रेष्ठ रहेगी। जप मंत्र – त्रीं त्रीं त्रीं, 51 माला नित्य। कामाख्या कवच एवं चालीसा का पाठ करें। सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
वृश्चिक-मां दुर्गा की आराधना करें। जप मंत्र – ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम:, 21 माला नित्य। दुर्गा सहस्रनामावली का पाठ करें।
धनु- आप मां बगलामुखी की खास पूजा करें। जप मंत्र – श्रीं ह्रीं ऐं भगवति बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा, 21 माला नित्य। बगला त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करें।
मकर- मां षोड्शी की आराधन आपको विशेष फल प्रदान करेगी। जप मंत्र – श्रीं, 108 माला नित्य। ललिता सहस्रनाम का पाठ करें।
कुंभ- मां भुवनेश्वरी की विशेष पूजा कुंभ राशि के जातको के खास फलदायी रहेगी। जप मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं, 51 माला नित्य। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
मीन- मां बगलामुखी की पूजा करें। जप मंत्र – श्रीं ह्रीं ऐं भगवति बगले श्रियं देहि देहि स्वाहा, 21 माला नित्य। बगला त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ करें।