न्यू आगरा के सुरेश नगर की दस बी से नौ घंटे के प्रयास के बाद सोमवार रात को वन विभाग की टीम ने तेंदुआ पकडा था। रात 10 बजे उसे बीअर रेस्क्यू सेंटर, कीठम लगाया गया। कीठम पहुंचने पर वह होश में आ गया था। उसे एनीमल एंबुलेंस से उतरना मुश्किल हो गया। जिस पिंजरे में उसे कैद करके लाया गया था, उस पिंजरे को छूने पर ही वह दहाड़े मारने लगा था। साथ ही पिंजरे को तोड़ने का प्रयास करने लगा। बड़ी मुश्किल से एंबुलेंस से उसे पिंजरे सहित उतारा गया। वन्य जीव के गुस्से को देखते हुए रेस्क्यू टीम ने उसे दूसरे मजबूत छह बाई चार मीटर के पिंचरे में रखा है।
सहमे भालू और हिरन
रात होने के कारण भालू, हिरन सहित अन्य जीव सो गए थे। हालांकि लगातार उसकी दहाड़ सुनकर कुछ वन्य जीवों की आंख तो खुल गई थी लेकिन वे अपनी जगह ही पड़े रहे। सुबह जब भालू और हिरनों ने तेंदुए की दहाड़ सुनी तो कुछ देर के लिए वे सहम गए थे। स्थिति ये थी कि लगातार तेंदुए की दहाड़ की वजह से अन्य वन्य जीवों ने उस तरफ रुख ही नहीं किया। तेंदुआ को रेस्क्यू सेंटर के पिछले हिस्से में उसे रखा गया है। तेंदुआ की देखरेख कर रहे डा. इलैया राजा का कहना है कि गुस्से में होने की वजह से वह रात में ठीक से सो नहीं सका। सुबह भी जल्दी उठ गया। हालांकि उसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है लेकिन उस पर काबू कर पाना मुश्किल हो रहा है। सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक उसे तीन बार मांस खिलाया जा चुका है। बताया जा रहा है कि तेंदुए को कीठम में लाते वक्त रास्ते में उसे चौथी बार भी ट्रेंकुलाइज करना पड़ा था, इतनी हेवी डोज पर भी वह आधा घंटे बाद ही होश में आ गया था।
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