Friday , 21 February 2025
Home आगरा Pitra Paksha 2022: Why auspicious work is not done in Pitra Paksha, what is the importance of dog, crow and cow…#agranews
आगराटॉप न्यूज़

Pitra Paksha 2022: Why auspicious work is not done in Pitra Paksha, what is the importance of dog, crow and cow…#agranews

आगरालीक्स…पितृ पक्ष में क्यों नहीं होते शुभ कार्य, इसमें श्वान, कौए और गाय का क्या है महत्व. आगरा की ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा से जानिए पूरी जानकारी

पितृ ऋण चुकाने के साथ पितृ दोषों से बचने के लिए पूर्वजों का श्राद्ध कर्म उनकी मृत्यु तिथि के हिसाब से किया जाता है. हिंदू धर्म में पितृपक्ष यानी श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है. इन दिनों में व्यक्त् िअपने पूर्वजों का पूजन व तर्पण कर आाश्ीर्वाद प्राप्त करते हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष में सबसे अहम पितृ ऋण चुकाने के साथ पितृ दोषों से भी बचते हैं. हिन्दू काल गणना के अनुसार पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से होती है और आश्विन मास की अमावस्या पर इसकी समाप्ति होती है. यह 16 दिन तक चलते हैं. इसमें पिंडदान, ब्राहमण भोज व अन्य श्राद्ध कर्मों से पितृ देवों को प्रसन्न किया जाता है. ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार पितृ पक्ष आज से शुरू हो गए हैं और 25 सितंबर तक रहेंगे. इन दिनों में पर्वूाजों का श्राद्ध कर्म उनकी मृत्यु की तिथि के अनुसार किया जाता है.

जानिए क्यों नहीं होते श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य
ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार श्राद्ध पक्ष का संबंध मृत्यु से है, इसक ारण यह अशुभ काल माना जाता है. जैसे अपने परिजन की मृत्यु के पश्चात हम शोकाकुल अवधि में रहते हैं और अपने अन्य शुभ, नियमित, मंगल, व्यावसायिक कार्यों को विराम दे देते हैं, वही भाव पितृपक्ष में भी जुड़ाहै. इस अवधि में हम पितरों से और पितर हमसें जुड़े रहते हैं. अतः अन्य शुभ मांगलिक शुभारंभ जैसे कार्यों को वंचित रखकर हम पितरों के प्रति पूरा सम्मान और एकाग्रता बनाए रखते हैं.

श्राद्ध में गाय, कौए-श्वान का महत्व
ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पितर, ब्राहमण ओर परिजनों के अलावा पितरों के निमित्त गाय, श्वान और कौए के लिए ग्रास निकालने की परंपरा है.
गाय में देवताओं का वास मानाय गया है, इसलिए गाय का महत्व है.
श्वान और कौए पितरों के वाहक हैं. पितृपक्ष अशुभ होने से अवशिष्ट खाने वाले को ग्रास देने का विधान है.
दोनों में से एक भूमिचर है और दूसरा आकाशचर. चर यानी चलने वाला. दोनों गृहस्थों के निकट और सभी जगह पाए जाने वाले हैं.
श्वान निकट रहकर सुरक्षा प्रदान करता है और निष्ठाावान माना जाता है, इसलिए पितृ का प्रतीक है.
कौए गृहस्थ और पितृ के बीच श्राद्ध में दिए पिंड और जल के वाहक माने गए हैं.

पितृपक्ष 2022 की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा – 10 सितंबर
कृष्ण प्रतिपदा तिथि का प्रतिपदा श्राद्ध -11 सितंबर
आश्विन मास द्वितीया या दूज तिथि – 12 सितंबर
आश्विन मास तृतीया या तीज तिथि – 13 सितंबर
आश्विन मास चतुर्थी या चौथ तिथि -14 सितंबर
आश्विन मास पंचमी तिथि – 15 सितंबर
आश्विन मास षष्ठी या छठ तिथि – 16 सितंबर
आश्विन मास सप्तमी तिथि – 17 सितंबर
आश्विन मास अष्टमी तिथि – 18 सितंबर
आश्विन मास नवमी तिथि – 19 सितंबर
आश्विन मास दशमी तिथि – 20 सितंबर
आश्विन मास एकादशी तिथि – 21 सितंबर
आश्विन मास द्वादशी तिथि – 22 सितंबर
आश्विन मास त्रयोदशी तिथि – 23 सितंबर
आश्विन मास चतुर्दशी तिथि – 24 सितंबर
आश्विन मास अमावस्या – 25 सितंबर

Written by
admin

Agra and Aligarh region news portal

Related Articles

आगरा

Agra News: Theft of pipes installed in RBS metro station. Case registered against unknown thieves…#agranews

आगरालीक्स…आरबीएस मेट्रो स्टेशन में लगने वाले पाइप चोरी. अज्ञात चोरों के खिलाफ...

टॉप न्यूज़

Agra News: The Agra Taj Car and Bike Rally tomorrow in Agra, there will be a race between 75 bikes and 50 cars

आगरालीक्स…आगरा में रफ्तार का महाकुंभ कल, 75 बाइक और 50 कारों के...

आगरा

Agra News: IP base cameras will be installed in Agra’s industrial institutions to monitor pollution control….#agranews

आगरालीक्स…आगरा की फैक्ट्रीज, कारखानों सहित औद्योगिक संस्थानों में आईपी बेस कैमरे से...

आगरा

Obituaries of Agra on 21st February 2025 #Agra

आगरालीक्स … आगरा में आज 21 फरवरी को 2024 को उठावनी, शवयात्रा...

error: Content is protected !!