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Pitru Paksha from 17th or 18th September?: Know when to perform Shraddh on Purnima, what astrologers say…#pitrupaksha2024
आगरालीक्स…पितृपक्ष 17 से या 18 सितंबर से?…पूर्णिमा तिथि को लेकर हो रहा कन्फ्यूजन. जानिए कब करें पूर्णिमा का श्राद्ध, क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य…
भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार दोपहर 11:44 से अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या 02अक्टूबर 2024 दिन बुधवार तक श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष )रहेगा. श्राद्ध पक्ष वास्तव में पितरों को याद करके उनके प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने और नई पीढ़ी को अपने प्राचीन वैदिक और पौराणिक संस्कृति से अवगत कराने का पुण्य पर्व है और यही नहीं पित्रों का श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में व्याप्त पितृदोष से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है.
जिस मनुष्य को अपने माता पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो तो वह पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन विधिपूर्वक श्राद्ध कर सकता है या प्रत्येक माह में आने वाली अमावस्या तिथि को दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके जल द्वारा तर्पण किया जा सकता है. इससे पितर तृप्त और सन्तुष्ट होते है. पापों की मुक्ति के लिए भी श्राद्ध कर्म करना श्रेष्ठ माना गया है. कहते हैं कि जो मनुष्य अपने पूर्वजों का श्राद्ध श्रद्धा पूर्वक नहीं करता या बे मन से करता है उसके द्वारा की गई की गई पूजा पाठ को भगवान भी स्वीकार नहीं करते हैं.
व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही श्राद्ध में दान आदि करना उचित है. धन के अभाव में घर में निर्मित खाद्य पदार्थ को अग्निदेव को समर्पित करके जल से तर्पण करते हुए गौ माता को खिलाकर भी श्राद्ध कर्म पूरा किया जा सकता है. पितृ कार्य के लिए दोपहर का समय सर्वोत्तम समय उचित समझा जाता है, क्योंकि पितरों के लिए मध्यान दोपहर ही भोजन का सर्वोत्तम समय है. ब्राह्मण भोजन से पहले पंचवली यानी गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चीटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते या दोंने में अवश्य निकालें. जिस घर में पितरों का श्राद्ध होता है उनके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं घर परिवार, व्यवसाय तथा आजीविका में उन्नति होती है साथ ही शिक्षा व्यापार अथवा वंश वृद्धि में आ रही रुकावटें हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं.
पूर्णिमा का श्राद्ध 17 को ही करें..
पूर्णिमा मंगलवार को यानी 17 सितंबर 2024 को दोपहर 11:44 से प्रारंभ होगी, जो 18 सितंबर बुधवार की सुबह 08:03 मिनट तक रहेगी. श्राद्ध मध्यान्ह का विषय है, अतः पूर्णिमा का श्राद्ध मंगलवार 17 सितंबर, को ही माना जाएगा और प्रतिपदा पड़वा का श्राद्ध बुधवार 18 सितंबर को ही माना जाएगा.
प्रतिपदा पड़वा,श्राद्ध 18 सितंबर बुधवार
तीया श्राद्ध 19 सितंबर गुरूवार
तीय श्राद्ध 20 सितंबर शुक्रवार
चतुर्थी श्राद्ध 21 सितंबर भरणी श्राद्ध शनिवार
पंचमी श्राद्ध 22 सितंबर रविवार
षष्ठी श्राद्ध 23 सितम्बर सोमवार
सप्तमी श्राद्ध 24 सितम्बर मंगलवार
अष्टमी श्राद्ध 25 सितंबर बुधवार जीवित पुत्रिका (जितिया श्राद्ध)
मातृ नवमी 26 सितंबर गुरूवार ,इस दिन सुहागन मृत स्त्रियों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है, सौभाग्यवती स्त्री श्राद्ध
दशमी श्राद्ध 27 सितम्बर शुक्रवार
एकादशी श्राद्ध 28 सितंबर शनिवार
द्वादशी श्राद्ध 29 सितंबर, संन्यासियों केलिए श्राद्ध रविवार
त्रयोदशी श्राद्ध 30 सितंबर सोमवार
चतुर्दशी श्राद्ध 01अक्टूबर मंगलवार,शस्त्र आदि से विष जलागिन जीव जंतुओं के दंश काटने अल्प मृत्यु वालों के लिए यह श्राद्ध उत्तम माना जाता है मृतव्यक्तियोंका
पितृ विसर्जन 02अक्टूबर सर्वपितृ अज्ञात भूले बिछड़े तिथि वालों का श्राद्ध सर्व पितृकार्ये अमावस्या
श्राद्ध तर्पण हेतु श्राद्ध पक्ष 2024 में तीन तिथियां प्रमुख रूप से मान्य होंगी जिनमें 22 सितंबर पंचमी ,26 सितंबर नवमी, 02 अक्टूबर अमावस्या तिथि मुख्य रूप से अपनी दिबंगत पुण्य आत्माओं के निमित्त तर्पण करने हेतु विशेष रूप से शुभ तिथियां मानी जाएंगी.
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250