(इंटरनेट फोटो)
प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को फलाहार देने के निर्देश हैं। स्कूलों में प्रिंसिपल को बच्चों को मौसमी फल बांटने हैं। स्कूल में फल बांटे जा रहे हैं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। सोमवार को एसीएम श्यामलता आनंद सैंया ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय तेहरा में पहुंची, यहां फल का वितरण नहीं हुआ था। उन्होंने प्रिंसिपल सरोज वर्मा को फल बांटने के निर्देश दिए। इसके बाद एसीएम वहां से चली गई, कुछ देर बाद लौटी, उन्होंने प्रिंसिपल से फल वितरण के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने कहा कि फल बांट दिए हैं। इस पर उन्होंने बच्चों से पूछा तो बताया कि मेडम ने जामुन बांटे थे, कितने जामुन दिए तो इस पर जवाब दिया कि दो दो जामुन दिए गए। इस पर एसीएम श्यामलता ने प्रिंसिपल की डांट लगाई, उन्होंने पैसे दिए और आम मंगवाए, इसके बाद स्कूल में बच्चों को आम बांटे गए।
चार रुपये प्रति बच्चे के लिए बजट
फलाहार के लिए सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा चार रुपये दिए जा रहे हैं। इससे केला सहित कोई भी मौसमी फल आ सकता है। इसके बाद भी तमाम स्कूलों में बच्चों को फलों का वितरण नहीं किया जा रहा है। इसके चलते स्कूलों की जांच कराई जा रही है।
मामला बढने पर की गई निलंबित
प्रिंसिपल द्वारा बच्चों को जामुन बांटे जाने का मामला अधिकारियों तक पहुंच गए, आनन फानन में बीएसए धर्मेंद्र सक्सेना ने प्रिंसिपल सरोज सिंह को फलाहार और मिड डे मील में लापरवाही पर निलंबित करने के आदेश दिए हैं। इससे शिक्षिकों में खलबली मची हुई है। प्रिंसिपलों को सुबह बच्चों को मौसमी फल बांटने के निर्देश दिए गए हैं।
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