Raja ki Mandi station controversy: Know the history of this station and temple…#agranews
आगरालीक्स…आगरा का राजा की मंडी स्टेशन पूरे देश में चर्चा में है. लेकिन क्या आपको पता है यहां मंदिर पहले बना या स्टेशन. कितना पुराना है इसका इतिहास..लोगों और इतिहासविदों के अनुसार जानिए आगरालीक्स पर
महाराष्ट्र मंडल होटल के समीप था राजा की मंडी स्टेशन
राजा की मंडी रेलवे स्टेशन मात्र 66 साल पुराना है। इससे पहले राजा की मंडी स्टेशन महाराष्ट्र मंडल होटल के पास था।
स्टेशन का दूसरा गेट लोहामंडी की ओर था
स्टेशन का दूसरा गेट लोहामंडी की ओर था। स्टेशन का स्पेस काफी छोटा था। रेलवे फाटक से पहले ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकती थी। प्लेटफार्म भी लोहामंडी के सड़क पुल तक ही था। इसके पीछे के इलाके में बस्ती बसी हुई है। स्टेशन पर यात्रियों के बढ़ते हुए दबाव और टूंडला की ओर जाने के लिए रेलवे लाइन नहीं होने के कारण इसे शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया था।
वर्ष 1956 में हुआ था इसका निर्माण कार्य
राजा की मंडी स्टेशन को हटाकर न्यू राजामंडी और देहली गेट की ओर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया और वर्ष 1956 में इसका निर्माण शुरू हुआ।
न्यू राजा मंडी की ओर चारों ओर खेत थे
आगरा के वरिष्ठ गीतकार, कवि एवं साहित्यकार कटघर लोहामंडी निवासी शलभ भारती शलभ ने आगरालीक्स से बातचीत में अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुए बताया कि नया राजा की मंडी स्टेशन शिफ्ट होने से पहले न्यू राजा की मंडी की ओर खेत थे। न्यू राजा मंडी कॉलोनी भी विकसित नहीं हुई थी।
मंदिर पहले था, स्टेशन और प्लेटफार्म बाद में बने
खेतों के बीच में एक चबूतरा और मठिया बनी हुई थी, जहां मां चामुंडा की पूजा अर्चना हुआ करती थी। नया रेलवे स्टेशन बना तो मंदिर स्टेशन परिसर और प्लेटफार्म पर आ गया। इस पर तत्तकालीन रेलवे अधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया, जो अब विवाद का विषय बन रहा है।
रेलवे ने भू अधिग्रहण के समय क्यों ध्यान नहीं दिया
इस बारे में क्षेत्र के कुछ लोगों का कहना है कि न्यू राजा मंडी रेलवे स्टेशन बहुत ज्यादा पुराना नहीं है। रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण किया होगा तो मंदिर की भी चौहद्दी अंकित होगी। साथ ही रेलवे पुलिस चौकी और रेलवे क्वार्टर की स्थिति भी अंकित होगी, जो प्लेटेफार्म से बिलुकल सटी हैं।
कोलकाता के द टेलीग्राफ ने स्टेशन का मुद्दा उठाया
दूसरी ओर राजा की मंडी स्टेशन देशभर के अखबारों में भी सुर्खियों में बना हुआ है। कोलकाता से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने 28 अप्रैल के अंक इस खबर प्रकाशित किया है, जिसमें लिखा है कि उत्तर प्रदेश के आगरा में राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर स्थित मां चामुंडा का मंदिर विस्थापित करना रेलवे के लिए नया सिरदर्द बन गया है।
प्रशासन को कानून-व्यवस्था का भी डर
प्रशासन को डर है कि इसे हटाने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। खबर के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि साधु-संतों के अलावा प्रशासन भी इस मंदिर को हटाए जाने के पक्ष में नहीं है।
अगले अंक में ( पुराना राजा की मंडी स्टेशन बना अब कूड़ाघर, पहले क्या-क्या था) साथ में आपकी राय-