आगरालीक्स…(8 December 2021 Agra News) शीश दिया पर सि ना उचरी…आगरा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 347वां शहीदी गुरुपर्व श्रद्धपूर्ण मनाया.
गुरूद्वारा माईथान पर कीर्तन दरबार
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 347वां शहीदी गुरुपर्व उनसे जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारा माई थान पर श्रद्धा पूर्ण मनाया गया. दरबार साहिब अमृतसर से पधारे भाई सिमरप्रीत सिंह हजूरी रागी ने एक गुरमुख परोपकारी विरला आया…अर्तार्थ सतगुरु सच्चे पातिशाही अपनी वाणी में फरमान करते है कि दूसरे के लिए परोपकार करने वाले इस धरती में विरले ही होते हैं जैसे गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने हिन्दू धर्म की रक्षा की खातिर अपने प्राणों का बलिदान दिया.
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इस तरह किया याद
अपने दूसरे शब्द में उन्होंने ‘पहिलां मरणं कबूल जीवन की छड आस…’ का गायन कर संगत को निहाल किया. अखंड कीर्तन जत्था के भाई जसपाल सिंह ने ‘शीश दिया पर सी ना उचरी…का गायन करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने शीश तो दिया लेकिन धर्म को नहीं हारा. हिन्दू धर्म को बचाने के लिए यह गुरु तेग बहादुर साहिब जी की वडियाई है, जिन्होंने पूरे संसार को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया. किसी धर्म को बचाने के लिए ऐसी मिसाल कहीं और नहीं है इसलिए उन्हें हिन्द की चादर कहते है. भाई हरजोत सिंह ने ‘नर अचेत पाप ते डर रे…’ का गायन करते हुए कहा कि ए मनुष्य पाप की राह पर ना चल उनसे दूर रह इन पापों से बचने के लिए प्रभु की शरण में रह. भाई बृजेंद्र सिंह एवं बीबी अवनीत कौर ने भी अपने कीर्तन से संगत को निहाल किया.
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ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने सर्वत के भले की अरदास की. इस अवसर पर विशेष रूप से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पुरातन और सबसे छोटे स्वरुप (उर्दू में लिखित) का दर्शन संगत को करवाए गए. इस अवसर पर प्रधान कंवलदीप सिंह के अलावा, मुख्य सेवा दार पाली सेठी, समन्वयक बंटी ग्रोवर, कुलविंदर पाल सिंह, मनमोहन सिंह, सुरेंद्र सिंह सलूजा, हरमिन्दर पाल सिंह, बंटी ओबरॉय, परमिंदर सिंह ग्रोवर, राजदीप, देवेन्द्र सिंह खालसा, लकी कान्दरा, वीरेंद्र सिंह, सरबजीत सिंह, रक्षपाल सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.