आगरालीक्स…सावन का दूसरा सोमवार कल. 14 तरह के होते हैं रूद्राक्ष. रूद्राक्ष धारण कैसे करें और किस राशि के लिए कौन सा रूद्राक्ष होता है शुभ, जानिए
श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ के प्रसाद रुद्राक्ष को पहनने से सारे संकट स्वयं ही दूर हो जाते हैं. इसलिए सभी लोगों को रुद्राक्ष श्रावण मास में हीं धारण करना शुभ माना जाता हैं. हर व्यक्ति को यह रुद्राक्ष अपनी अपनी जन्म राशि या बोलते नाम राशि के अनुसार ही धारण करना चाहिए , जानिए किस शुभ फल की प्राप्ति के लिए किस विशेष चमत्कारिक मंत्र के साथ यह धारण करना अत्यंत शुभ होता है.
अपनी जन्म राशि या बोलती हुई राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करना
मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल है,इसलिए ऎसे जातक तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करें
वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र है। अतः इस राशि के जातकों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष फायदेमंद होता है
मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध है । इस राशि वालों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष है
कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा है। इस राशि के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी है
सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य है । इस राशि के लिए एक या बारह मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा
कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध है। इनके लिए चार मुखी रुद्राक्ष लाभदायक है
तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र है। इनके लिए छह मुखी रुद्राक्ष व तेरह मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा
वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल है। इनके लिए तीन मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होगा
धनु राशि के स्वामी ग्रह (गुरु) वृहस्पति है। ऎसे जातकों के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष उपयोगी है।
मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि है। इनके लिए सात या चौदह मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा
कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि है। इनके लिए सात या चौदह मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होगा
मीन राशि के स्वामी ग्रह गुरु है। इस राशि के जातकों के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष उपयोगी होगा
राहु के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष और केतु के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष का वर्णन किया गया है
जानिए, किस शुभ फल के लिए किस चमत्कारिक मंत्र के साथ पहनें रुद्राक्ष
शिव तप के समय क्षुब्ध हो उठे और उनके नेत्रों से जल की कुछ बूंद धरती पर गिरी यही रुद्राक्ष के फल के रुप मे परिणित हुई। यह चार प्रकार के होते हैं एवं इनमें असीम शक्ति होती हैं
रुद्राक्ष जितना छोटा होता हैं। उतना प्रभावशाली होता हैं। जिसमे पिरोने योग्य छेद न हो, टूटा हो, जिसे कीड़े ने खा लिया हो वह रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए
शिवपुराण के अनुसार रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता हैं। रुद्राक्ष चौदह प्रकार के होते हैं। उनका अलग अलग फल एवं पहनने के मंत्र हैं
एक मुखी रुद्राक्ष- लक्ष्मी प्राप्ति,भोग एवं मोक्ष के लिए ‘ॐ ह्रीं नम:’ धारण मंत्र के साथ पहनें
दो मुखी रुद्राक्ष- कामनाओं की पूर्तिके लिए धारण मंत्र-‘ॐ नम:’ के साथ पहनें
तीन मुखी रुद्राक्ष -विद्या प्राप्ति के लिए धारण मंत्र-‘ॐ क्लीं नम:’ को बोलकर पहनें
चार मुखी रुद्राक्ष -धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष प्राप्ति के लिए धारण मंत्र-‘ॐ ह्रीं नम:’ का स्मरण कर पहनें
पांच मुखी रुद्राक्ष -मुक्ति एवं मनोवांछित फल हेतु धारण मंत्र-ॐ ह्रीं क्लीं नम: के साथ पहनें
छ: मुखी रुद्राक्ष-पाप से मुक्ति हेतु मंत्र-ॐ ह्रीं ह्रुं नम: के साथ धारण करें
सात मुखी रुद्राक्ष-ऐश्वर्यशाली होने के लिए मंत्र ॐ हुं नम: का ध्यान कर इस रुद्राक्ष को धारण करें
आठ मुखी रुद्राक्ष-लंबी आयु प्राप्ति के लिए ॐ हुं नम: धारण मंत्र के साथ पहनें
नौ मुखी रुद्राक्ष-से सभी कामना पूर्ण होती हैं। इसे बाएं हाथ में ॐ ह्रीं ह्रुं नम: मंत्र के साथ धारण करें
दसमुखी रुद्राक्ष -संतान प्राप्ति हेतु मंत्र-ॐ ह्रीं नम: के साथ पहनें
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष-सर्वत्र विजय प्राप्त करने हेतु इस धारण मंत्र-ॐ ह्रीं ह्रुं नम: के साथ पहनें
बारह मुखी रुद्राक्ष -रोगों में लाभ हेतु मंत्र-ॐ क्रौं क्षौं रौं नम: के साथ पहनें
तेरह मुखी रुद्राक्ष – सौभाग्य एवं मंगल की प्राप्ति के लिए मंत्र-ॐ ह्रीं नम: के साथ पहनें
चौदह मुखी रुद्राक्ष -समस्त पापों का नाश करता है। इसे धारण मंत्र-ॐ नम: के साथ पहनें
इसके अलावा एक गौरीशंकर रुद्राक्ष भी होता है। यह समस्त प्रकार के सुख प्रदान करने वाला होता है। इसे बिना किसी मंत्र के मात्र शुद्धि कर धारण कर सकते हैं
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774