आगरालीक्स .कोरोना को मात देने के बाद आगरा के वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ डीवी शर्मा की जुबानी, जिंदगी में कोरोना ने नए रंग भर दिए, कैसे बदल गई जिंदगी।
जेपी हॉस्पिटल, नोएडा के रूम नंबर 4022 में बेड पर बैठे बैठे दाढ़ी पर हाथ गया तो कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने (16 सितंबर) , आक्सीजन सपोर्ट पर कई दिन तक रहने और उसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आने की यादें ताजा हो गईं। साथ ही दिलो दिमाग में एक पिक्चर भी चलने लगी, जो यह संदेश दे रही थी कि कोरोना के फायदे भी हैं। वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ डीवी शर्मा ने कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच अपने अनुभव और कोरोना के बाद किस तरह से जिदंगी पॉजिटिव हो गई, यह साझा किया। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमित होने से ईश्वर में आस्था बढ गई, परिवार के और नजदीक आ गए, पति पत्नी के बीच संबंध अच्छे हुए तो यह परख भी हो गई कि कौन अपना है और कौन पराया। इस सबके बीच यह संकल्प लिया कि जितना संभव हो सके, लोगों की मदद करो।
कोरोना के बाद के फायदे
ईश्वर में आस्था बढ जाती है, भागमभाग की जिंदगी में संतोष और सुख की अनुभूति होती है
परिवार के साथ संबंध मधुर होने लगते हैं, पति पत्नी के बीच की बॉडिंग मजबूत हो जाती है
सामाजिक दायरा पुर्नस्थापित हो जाता है
कौन अपना है और कौन पराया, यह कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही समझ में आ जाता है
जिंदगी में कई काम ऐसे थे जिन्हें करने में दे कर दी, इसका अहसास होता है
कुछ काम सोचता रहा, जिसे कर सकता था लेकिन कर नहीं पाया, वे बीज से पौधा नहीं बन पाए
जिंदगी बोझिल सी हो गई थी, जिंदगी को उमंग और उत्साह के साथ क्यों नहीं जीया
सोच बदली, अपने पुराने मित्रों के संपर्क में अधिक से अधिक रहना चाहिए, वे सुख दुख के साथी होते हैं
जिंदगी में कुछ विवाद ऐसे थे जिनका कारण मैं खुद बना, उन्हें सुलझाया जा सकता था
परिवार, मित्र, रिश्तेदार और गरीबों की जितनी मदद की जा सकती है उतनी करनी चाहिए