आगरालीक्स… आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट पर रैगिंग के आरोप लगे हैं, एंटी रैगिंग सेल मामले की जांच कर रही है, यह मामला पीजी स्टूडेंट के बीच आपसी विवाद का बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छह जुलाई को आॅर्थो डिपार्टमेंट के फस्र्ट ईयर के जूनियर डॉक्टर सौरभ द्विवेदी की एसएन इमरजेंसी के कमरा नंबर 115 में डयूटी थी, रात में वे हॉस्टल में चले गए, इसी बीच एक्सीडेंट के केस आ गए। डयूटी से गायब होने पर उनके आॅर्थो डिपार्टमेंट में सीनियर और जूडा प्रेसीडेंट डॉ विकास मिश्रा भडक गए, उन्होंने अपने जूनियर डॉ सौरभ द्विवेदी से अनुशासित रहने और डयूटी से बीच में न जाने के लिए कहा, इसे लेकर मामला गर्मा गया, आरोप है कि जूडा प्रेसीडेंट ने गाली गलौज करने के साथ मारपीट की। प्राचार्य डॉ सरोज सिंह का कहना है कि एंटी रैगिंग सेल मामले की जांच कर रही है, जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
रात 2 बजे इमरजेंसी में हुआ विवाद
छह जुलाई को रात को एक्सीडेंट के केस आने के बाद सीनियर अस्थि रोग विभाग के रेजीडेंट तृतीय वर्ष व जूडा प्रेसीडेंट डॉ. विकास मिश्रा ने फोन किया, लेकिन फोन नहीं उठा। वे भी इमरजेंसी पहुंच गए, रात दो बजे डॉ. सौरभ द्विवेदी इमरजेंसी की ओटी में पहुंचे। आरोप है कि जूडा प्रेसीडेंट ने उनके साथ गाली गलौज की, धक्का मारकर बाहर निकाल दिया और मारपीट की।
एंटी रैगिंग सेल में शिकायत
इस मामले की शिकायत डॉ सौरभ द्विवेदी ने एंटी रैगिंग सेल दिल्ली कर दी, वहां से एसएन प्रशासन को भेजे गए मेल में जांच के निर्देश दिए, उन्होंने छह जुलाई को हुई घटना की तहरीर थाना एमएम गेट में भी दी है।
जूनियर से ज्यादा काम
एसएन सहित प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में फस्र्ट ईयर के जूनियर डॉक्टरों से विभागों में 18 से 20 घंटे काम कराया जाता है। पिछले कुछ साल से इसे लेकर जूनियर, सीनियर का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले अस्थि रोग विभाग और सर्जरी विभाग के तृतीय वर्ष के डॉक्टर पर जूनियर रैगिंग के आरोप लगा चुके हैं, लेकिन बाद में समझौता हो जाता है।