कलक्ट्रेट चले गए भाजपाई
जिला पंचायत सदस्य के रूप में भाजपा के सात सदस्य थे। सपा के पास आठ सदस्य थे। सात सदस्यों के बूते भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने के ख्वाब देख रही थी। भाजपा केवल 10 सदस्यों का इन्तजाम कर पाई। इस तरह से 17 वोट मिले। सपा ने 26 सदस्यों का इन्तजाम कर लिया और पांच साल के लिए लाल बत्ती हथिया ली। भाजपाइयों को अपनी हार का भरोसा पहले ही हो गया था, इस कारण मतगणना शुरू होने से पहले अधिकांश भाजपाई कलक्ट्रेट से खिसक लिए थे।
कुशल यादव दूसरी महिला अध्यक्ष
कुशल यादव जिला पंचायत की दूसरी महिला अध्यक्ष हैं। उनसे पूर्व भाजपा की प्रेमकुमारी परमार अध्यक्ष रह चुकी हैं। प्रेम कुमारी परमार दबंग महिला थीं। वे रिवॉल्वर लगाकर चलती थीं। उन्होंने कई बार विधानसभा का टिकट भी मांगा, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
भाजपा का दांव उल्टा
भाजपाई सोच रहे थे कि सपा के शासनकाल में भाजपा तीन बार जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत चुकी है, इसलिए इस बार भी नैया पार लग जाएगी। इस बार दांव उल्टा पड़ गया। सपाइयों की रणनीति के आगे उनकी एक न चली। अंतरआत्मा की आवाज पर वोट देने की अपील भी बेअसर रही।
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