Monday , 23 December 2024
Home टॉप न्यूज़ There is also a district of India where animals get a weekly holiday on Sunday, service is done for the whole day, they do not even extract milk
टॉप न्यूज़देश दुनियाबिगलीक्स

There is also a district of India where animals get a weekly holiday on Sunday, service is done for the whole day, they do not even extract milk

आगरालीक्स…आज आपका वीकली ऑफ है। हर काम वाले व्यक्ति को छुट्टी जरूरी होती है, पर क्या आप जानते हैं देश के एक जिले में पशुओं को भी मिलता है साप्ताहिक अवकाश..

आम आदमी को 133 साल पहले मिलना शुरू हुआ साप्ताहिक अवकाश

कामकाजी व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम एक दिन आराम की जरूरत पड़ती है। देश में आम आदमी को साप्ताहिक अवकाश अब से 133 साल पहले जब मिलना शुरू हुआ था।

 नारायण मेघाजी ने चलाया था आंदोलन

नारायण मेघाजी लोखंडे ने एक आंदोलन चलाया। सात साल के संघर्ष के बाद 1890 में रविवार का साप्ताहिक अवकाश घोषित किया गया।

पशुओं के लिए झारखंड का लोतहार जिला है बेमिसाल

खैर अब आते हैं भारत के झारखंड राज्य के लोतहार जिले में जहां, एक गांव 20 गांवों में मवेशियों को रविवार का साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है।

रविवार को काम से छुट्टी, दिनभर सेवा और दूध भी नहीं निकाला जाता

सप्ताह के इस एक दिन ना केवल पशुओं को काम से छुट्टी दी जाती है बल्कि इसके साथ ही पशुपालक इनकी खूब सेवा भी करते हैं। और तो और इस दिन गाय-भैंसों का दूध तक नहीं निकाला जाता।

पशुपालक खुद खेतों में जाते हैं काम करने

खास बात ये है कि इस दिन पशुपालक खुद किसी तरह का अवकाश नहीं लेते, बल्कि खुद ही कुदाल लेकर खेतों में चले जाते हैं। खुद ही जाकर खेतों में काम करते हैं लेकिन किसी भी हाल में पशुओं से किसी तरह का काम नहीं करवाते।

100 साल से चली आ रही ये परंपरा

स्थानीय लोगों की मानें तो उनके गांव में यह परंपरा आज से नहीं बल्कि उनके पुरखों के जमाने से चली आ रही है। इस परंपरा को बने हुए 100 साल से अधिक का समय हो चला है।

नई पीढ़ियों ने भी नहीं टूटने दिया नियम

खास बात ये है कि आने वाली पीढ़ियों ने भी इस परंपरा को टूटने नहीं दिया, पूरे नियम से इसका आज भी पालन किया जा रहा है। ऐसे चलन पर पशु चिकित्सकों का कहना है कि यह एक अच्छी परंपरा है, जिस तरह इंसानों को सप्ताह में एक दिन आराम के लिए चाहिए, उसी तरह पशुओं को भी आराम मिलना चाहिए।

इस तरह हुई थी शुरुआत

गांव के स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब 100 साल पहले खेत में जुताई का काम करते समय एक बैल की मौत हो गई थी। इस घटना ने गांववासियों को बहुत चिंता में डाल दिया। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए गांव वालों ने एक बैठक की, जिसमें यह तय किया गया कि पशुओं में भी जान-प्राण हैं और इन्हें भी आराम की जरूरत है।

रविवार को खूब मौज-मस्ती करते हैं मवेशी

बस फिर क्या था, सबने ये फैसला कर लिया कि अब इन पशुओं को भी सप्ताह में एक दिन आराम दिया जाएगा, तय हुआ कि रविवार के दिन पशुओं से कोई काम नहीं लिया जाएगा, तब से गांव के सभी पशु इस पूरे दिन सिर्फ आराम करते हैं।

Related Articles

बिगलीक्स

Agra Weather: Drizzle starts in Agra. It was cloudy throughout the day…#agranews

आगरालीक्स…आगरा में बूंदाबांदी शुरू. दिनभर छाए रहे बादल. ठंडी हवाओं ने कंपाया....

टॉप न्यूज़

Agra News: Youth dies after being hit by tanker in Agra. Angry people blocked the road…#agranews

आगरालीक्स…आगरा में टैंकर की चपेट में आकर युवक की मौत. आक्रोशित लोगों...

बिगलीक्स

Agra News Video : Endoscopic Surgery of Disc Prolapse in SNMC, Agra by Dr. Brajesh Sharma#Agra

आगरालीक्स…Agra News : आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में रीढ़ की हड्डी...

टॉप न्यूज़

Agra News: Locks of jewelery shop broken in Agra, Thieves took away shutters with rods and gold and silver jewelery worth lakhs…#agranews

आगरालीक्स…आगरा में ज्वैलरी शॉप के ताले चटके. रॉड लगाकर उठाया शटर और...