आगरालीक्स …आगरा में आज एक्सरे, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे नहीं होंगी, रेडियोलॉजिस्ट गुरुवार को हडताल पर हैं, पीसीपीएनडीटी एक्ट के विरोध में इंडियन रेडियोलॉजीकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन ने देशव्यापी हडताल की है।
एसोसिएशन के नेशनल इलेक्ट प्रसीडेंट डॉ. भूपेन्द्र आहूजा ने बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत कठोर प्रावधानों के बावजूद पूरे भारत में सभी रेडियोलॉजिस्ट एक्ट का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ताकि देश में लड़का लड़की का अनुपात बेहतर हो सके। परन्तु ऐसा देखा गया है कि कई ईमानदार रेडियोलॉजिस्ट लिंग निर्धारण से कोई सम्बंध न होने पर भी मामूली त्रुटियों की वजह से डाक्टर से अपराधी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक सितम्बर को देश भर के सभी अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्केन सेंटर बंद रहेंगे। इसके बाद भी मांगें न मानें जाने की स्थिति में 2 सितम्बर से अनिश्चितकालीन देश भर के अट्रासाउंड सेंटर बंद रहेंगे।
ये हैं मांगें
-फार्म एफ में मामूली गलती को क्रिमीनल ऑफेन्स न माना जाए।
-फार्म एफ में गलती होने पर सीधे रजिस्ट्रेशन निरस्त कर मशीन को सील करने के बजाय पैनल्टी का प्रावधान होना चाहिए।
-देश भर में पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम का समान कार्यान्वयन व मानकीकरण होना चाहिए।
-मशीन को सील व रिजस्ट्रेशन को निरस्त कोर्ट के डिसीजन के बाद किया जाना चाहिए। न कि फार्म एफ भरने के दौरान हुई मामूली गलती या फिर क्लीनिक पर एक्ट की बुकलेट न होने की स्थिति में।
समस्या जो डॉक्टरों के सामने आती हैं
-फार्म एफ को भरने के दौरान कोई गलती होने पर, एप्रिन न पहनने पर, एक्ट बुकलेट न होने पर, डॉक्टर को एक्ट के तहत अपराधी मान लिया जाता है।
-10-50 लाख की मशीन तीन वर्ष के लिए सील कर दी जाती है। जबकि ऐसे ज्यादातर मामलों के नतीजे डॉक्टरों के पक्ष में हुए हैं।
-डॉक्टरों को गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड करने पर प्रशासन को ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध करानी होती है। साथ ही हार्ड कॉपी के रूप में फार्म-एफ के तहत 26 सवाल भरने के अलावा एक अलग से रजिस्टर भी मैन्टेन करना होता है। डॉक्टर डॉक्टरी करें या इन कानूनी उलझनों में उलझे रहें।
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