आगरालीक्स….(18 June 2021 Agra News) आगरा के एक कोल्ड स्टोर में छिपा बैठा था कोबरा. वाइल्डलाइफ एसओएस ने 5 कोबरा सांप किए रेस्क्यू. पढ़ें पूरी खबर
बारिश से आई सांप रेस्क्यू में बढ़ोतरी
मथुरा में बलदेव रेंज वन कार्यालय से पांच फुट लंबे कोबरा के रेस्क्यू से लेकर आगरा में कोल्ड स्टोरेज यूनिट में कोबरा मिलना, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने इस सप्ताह न केवल एक या दो, बल्कि पांच कोबरा सांपों को बचाया है. आगरा और मथुरा में हाल ही में हुई बारिश ने वाइल्डलाइफ एसओएस टीम को काफी व्यस्त रखा हुआ है, क्योंकि बारिश के पानी से प्राकृतिक आवास उजड़ जाने के बाद ये सांप शहरी आवास में आश्रय लेने के लिए मजबूर हो गए हैं.
यहां—यहां से किए रेस्क्यू
एक ऐसी ही घटना में, मथुरा के बलदेव रेंज वन कार्यालय से पांच फुट लंबे जहरीले कोबरा सांप को रेस्क्यू किया गया l कोबरा ऑफिस रूम के अंदर मचान पर बैठा हुआ था। इसकी सूचना तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस के हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर दी गई और एक प्रशिक्षित बचावकर्मी बचाव अभियान के लिए मौके पर पहुचे। यह महसूस करते हुए कि बचावकर्मी उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं, कोबरा ने अपना बचाव करने के प्रयास में अपने फन उठा लिए। साँप को कोई नुकसान न पहुचे ये ध्यान में रखते हुए, बचावकर्मी ने साँप को स्नेक हुक की सहायता से उठाया और उसे कपड़े के बैग में स्थानांतरित कर दिया।
एक अन्य घटना में आगरा के किरावली में स्थित फेवरेट फ्रूट प्रिजर्वेशन प्राइवेट लिमिटेड के कोल्ड स्टोर यूनिट से चार फुट लंबा कोबरा टीम ने रेस्क्यू किया।
इसके तुरंत बाद, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने मथुरा की गोवर्धन रेंज के भागलपुर और नगला घिसा गांव से एक-एक कोबरा भी रेस्क्यू किया. आगरा के अरतोनी में एक घर से कोबरा को भी बचाया। सभी कोबरा को कुछ घंटों तक निगरानी में रखने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया गया। कोबरा भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले चार विषैले सांपों की प्रजातियों में से एक है। वे भारतीय पौराणिक कथाओं और संस्कृति में पूजनीय हैं और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची II के तहत सूचीबद्ध हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा- “कोबरा इंसानों से डरते हैं, लेकिन अचानक सामने आने पर वे आत्मरक्षा में हमला कर सकते हैं। ऐसे बचाव अभियान करते समय, हमारी टीम के लिए यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है की वे शांत और सतर्क रहे। हमें खुशी है कि लोग मदद के लिए हमें कॉल कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि लोग वन्यजीवों के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहे हैं।” वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजुराज एम.वी. ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में हमें सांपों से जुड़ी कई कॉल आ रही हैं। बारिश के कारण ज़मीन में बने इनके बिल जो की सांपों का घर है, इनमें पानी भर जाता है, जिसकी वजह से सांप बाहर आकर मानव आवास में आश्रय लेने को मजबूर हो जाते हैं। ”