World’s first Kinnar Bhagwatacharya Mahamandaleshwar reached Agra#agranews
आगरालीक्स…(24 July 2021 Agra News) ग्लैमर की दुनिया को छोड़ भागवताचार्य बनीं पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखि् मां. आगरा में बताए आध्यात्मिक दुनिया के रहस्य, कल देंगी प्रवचन
वृंदावन में सीखा आध्यात्म
विश्व की प्रथम किन्नर भागवताचार्य महामंडलेश्वर हिमांगी सखि् मां शनिवार को सुबह आगरा आईं. दोपहर को उन्होंने अतिथिवन में पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि जब मुंबई में मेरे माता पिता का निधन हुआ तब बहन की शादी करके हम वृंदावन आ गए. वृंदावन में गुरुकुल में रहकर शास्त्रों का अध्ययन किया. यदि आपको शास्त्रों का अध्ययन करना है, गुरुकुल में रहना है और कुछ प्राप्त करना है तो आपको कुछ तो त्याग करना पड़ेगा. मैंने जितना हो सका, शास्त्रों का अध्ययन किया. गुरु की शरण में रहकर. बाद में गुरु जी ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर धर्म का प्रचार कीजिए. गुरुजी की बात मानी? क्योंकि यह शायद कृष्ण की आज्ञा थी. मैं वृंदावन छोड़ मुंबई गई, तब से धर्म का प्रचार प्रसार करने लगी.
ग्लैमर की दुनिया से धार्मिक व्यक्ति कैसे
महामंडलेश्वर हिमांगी सखि् मां ने कहा कि शास्त्रों का अध्ययन और भगवान के प्रति रुचि तो हमें बचपन से ही थी. हमारे पास पेट पालने के लिए उस वक्त् कुछ भी नहीं था. यह जो कला हमारे अंदर थी उसका हमने उपयोग किया. हमने फिल्म इंडस्ट्री में काम किया और साथ साथ शास्त्रों का अध्ययन भी किया. जब शास्त्रों का अध्ययन हुआ तो हमने फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया. सिर्फ श्री हरि के नाम का सिमरन और उकने नामों का प्रचार कर अपने जीवन को समर्पित किया.
पशुपति पीठ से मिली मां मंडलेश्वर की उपाधि
महामंडलेश्वर हिमांगी सखि् मां ने बताया कि हमें मां मंडलेश्वर की उपाधि पशपुति पीठ से मिली है. कुंभ में हमारे गुरुजी गकौर शंकराचार्य जी महाराज को जब यह पता चला कि हम भागवत कथाएं करते हैं और आने वाली पीढ़ियों को एक संदेश देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि हम आपको इस उपाधि से सम्मानित करेंगे, क्योंकि आप इनके योग्य हो. आपको हमारे अखाड़े की तरफ से पूरा सहयोग रहेगा. आगे जो आपने शास्त्रों का अध्ययन किया है वह जन जन तक आ पहुंचे.
अखाड़ा बना तो किन्नरों का बढ़ा सम्मान
उन्होंने बताया कि यह अखाड़ा नेपाल से है. किन्नर अखाड़ा जब बना तो पूरे विश्व में किन्नरों को सम्मान मिला. किन्नर अखाड़ा बनने के बाद इतना प्रेम किया है कि समाज में किननरों को अपने गले लगाया. उनको स्थान दिया है और वह पूजनीय है.
देश विदेश में की कथाएं
महामंडलेश्वर हिमांगी सखि मां ने कहा कि वह बैंकॉक, सिंगापुर, दुबई, मॉरीशस, मुंबई, पटना आदि में 50 से अधिक कथाएं कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि हमें अपने बच्चों को सबसे पहले स्कूल भेजना है. उसके साथ—साथ सनातन धर्म का ज्ञान दीजिए. जब धर्म का ज्ञान होगा तो उनको जीवन जीने की कला अपने आप पता चल जाएगी. क्योंकि धर्म व शास्त्र जीवन जीने की कला सिखाते हैं.
ये रहे उपस्थित
प्रेस वार्ता में डीके शर्मा, सूरत से आए अंतर्राष्ट्रीय वैश्य समाज के महामंत्री राजू खंडेलवाल, आदेश नंदन गुप्त, मुकुश नेचुरल, प्रतिभा जिंदल, नारायन बहरानी, नवीन अग्रवाल, भूपेंद्र जुरैल, हर्ष अग्रवाल, शरद गुप्ता आदि.