शातिरों से रसिया में बैठा हुआ सरगना हैकर स्काइपी से जुड़ा रहता था। वह एटीएम ऑपरेट कर रहे शातिरों को दिशा निर्देश देता रहता था। स्क्रीन पर आए कोड को बताने पर रसियन हैकर उसे डीकोड कर मोबाइल पर पासवर्ड भेजता था।
पासवर्ड को एटीएम पर लिखकर एंटर मारते ही रसियन हैकर उसे ऑपरेट करने लगता था। मशीन पर आउट आॅफ सर्विस आ जाता था और गिरोह के सदस्य एटीएम के बाहर खडे हो जाते थे। इस दौरान कोई एटीम से कैश निकालने आता तो उससे कह दिया जाता था कि एटीएम खराब है। इसके बाद वह रसियन हैकर वहां बैठे-बैठे पूरी मशीन से कैश बाहर निकाल देता था। गिरोह के नकाबपोश सदस्य अंदर घुसते थे और कैश भरकर बाहर निकल जाते थे।
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