इस बारे में कांग्रेस सांसद थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मेरा मानना है कि अफजल गुरू को फांसी दिया जाना लगत था, साथ ही इसे खराब तरीके से अंजाम दिया गया। थरूर ने कहा कि पहले परिवार को चेतावनी दी जानी चाहिए थी। परिवार वालों को मुलाकात का आखिरी का मौका मिलना चाहिए था। इतना ही नहीं अफजल के शव को उसके परिवार वालों को सौंपा जाना चाहिए था।
थरूर का यह ट्वीट उस खुलासे के बाद आया है कि जम्मू-कश्मीर में पांच कांग्रेस विधायकों ने एक बयान में स्विकार किया है कि अफजल गुरु की फांसी एक गलती थी। इस बयान में कहा गया है, ‘गुरु के लिए माफी की मांग जायज थी और उसके शव उसके परिवार को लौटाए जाने चाहिए। उसके परिवार को उससे आखिरी मुलाकात का मौका नहीं देना भी एक गलती थी।’
कहा जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा की एक सीट के लिए वोट देने के बदले कांग्रेस सदस्यों द्वारा यह बयान दिया गया। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के एक निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कांग्रेस से कहा कि उनका वोट चाहिए तो ऐसा बयान जारी करें। आजाद के लिए वोट डालने से पहले राशिद ने राज्य विधानसभा में यह बयान पढ़कर सुनाया और कहा, ‘लोगों तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि अफजल को फांसी देने वाली कांग्रेस ने मान लिया है कि उसने अन्याय किया था।’
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