आगरालीक्स….. विधायक धर्मपाल सिंह ने आगरा के यमुना पार स्थित पीलाखार में पक्का नाला निर्माण का मुददा विधानसभा में उठाया था। इसके बाद नाले के निर्माण के लिए 42 लाख का बजट पास हुआ। जिस जगह नाला बनाया जा रहा है, उसके दोनों तरफ मकान बने हुए हैं। इनकी 20 – 20 फीट ऊँची दीवालें हैं। यहां कच्चे नाले को आठ फीट गहरा खोदने के बाद उसकी सतह में पक्का पर्श बनाया गया। इसके बाद नाले की दीवालों बनाई गई थी। जिससे दोनों तरफ बने मकान की नींव से भी तीन से चार फीट नीचा नाला था और मकानों की नींव की स्पोर्ट खत्म हो गई , दीवालों की स्पोर्ट के लिए सिर्फ नाले के लिए बनाई गई दीवालें ही थी। इसके चलते दीवाल ढह गई और मजदूर दब गए। विशेषज्ञों के मुताबिक, नाला निर्माण का प्रस्ताव आने के बाद नगर निगम के इंजीनियरों द्वारा जांच की जानी चाहिए। उनकी रिपोर्ट के बाद ही निर्माण कार्य की अनुमति मिलती है। जिस जगह यह नाला बनाया जा रहा था, वहां का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद इंजीनियर इस तरह नाला निर्माण की अनुमति नहीं दे सकते है। यदि नाला बनाया भी जाता तो इसके लिए सावधानियों बरतने की जरुरत होती है, जिससे बगल की दीवालों पर कोई असर ना पड सके। मगर, ननले निमार्ण में नगर निगम के अधिकारीयों को सिर्फ कमीशन से मतलब होता है. निमार्णकार्य कैसा हो रहा है. इससे उन्हें कोई मतलब नहीं.
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