Rakshabandhan will be celebrated in the auspicious coincidence of Shobhan Yoga
आगरालीक्स(21st August 2021 AGra News)... रक्षाबंधन कल है। इस बार सालों बाद बेहद ही शुभ संयोग पड़ रहा है। इस मुहूर्त में बांधी राखी तो नहीं होगी कभी परेशानी। धनिष्ठा नक्षत्र, शोभन योग और विष्टी करण इस बार रक्षाबंधन धनिष्ठा नक्षत्र, शोभन योग, विष्टी करण के शुभ संयोग में मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास में उस दिन मनाया जाता है, जिस दिन पूर्णिमा अपराह्न काल में पड़ रही हो। अलीगढ़ के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि यह सबसे बड़े हिन्दू त्योहारों में से एक है। उन्होंने बताय कि अगर शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाए तो जीवन में कभी भी परेशानी नहीं आती है। विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रातः 6:00 बजे से 12:30 तक चर लाभ अमृत के तीन विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त रहेंगे। इसमें माताएं— बहनें अपने प्रिय भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। यह बहुत अच्छा समय कहलाया जाएगा। इसके बाद एक और मुहूर्त सायं 4:50 बजे से शाम 6:20 तक शुभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा।इसमें भी माताएं—बहनें अपने भाइयों के हाथ पर रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। इसका रखें ध्यान यदि पूर्णिमा के दौरान अपराहृन काल में भद्रा हो तो रक्षाबन्धन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो, तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्न काल में करने चाहिए। लेकिन यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में न हो तो रक्षा बंधन को पहले ही दिन भद्रा के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकते हैं। हालांकि पंजाब आदि कुछ क्षेत्रों में अपराह्न काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है। इसलिए वहां आम तौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्योहार मनाने का चलन है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाने का पूरी तरह निषेध है, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो। ग्रहण सूतक या संक्रान्ति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है।