Tuesday , 4 February 2025
Home अध्यात्म Special on Mahashivratri: Worship of Baba Bholenath, auspicious time and how to break Mahavrat # agranews
अध्यात्मटॉप न्यूज़बिगलीक्स

Special on Mahashivratri: Worship of Baba Bholenath, auspicious time and how to break Mahavrat # agranews

आगरालीक्स… महाशिवरात्रि पर कैसे करे भोलेनाथ की पूजा, शुभ समय क्या है। साथ ही आज जानेंगे महाव्रत का पारण किस तरह किया जाए।

श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान, गुरु रत्न भण्डार के ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व 1 मार्च मंगलवार के दिन का रहेगा। व्रत को सभी स्त्री-पुरुष, बच्चे, युवा, वृद्धों द्वारा किया जा सकता है।

चार प्रहर पूजन अभिषेक विधान

-प्रथम प्रहर- सायं 6:48 से रात्रि 9:58 तक

-द्वितीय प्रहर- रात्रि 9:58 से रात्रि 1:08 तक

-तृतीय प्रहर- रात्रि 1:08 से रात्रि 4:18 तक

-चतुर्थ प्रहर- रात्रि 4:18 से प्रातः 7:28 बजे तक पहर की गणना अपने स्थानीय सूर्योदय से करना विधि सम्मत है।

शिवरात्री व्रत की महिमा

इस व्रत के विषय में यह मान्यता है कि इस व्रत को जो जन करता है, उसे सभी भोगों की प्राप्ति के बाद, मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत सभी पापों का क्षय करने वाला है, व इस व्रत को लगातार 14 वर्षो तक करने के बाद विधि-विधान के अनुसार इसका उद्धापन कर देना चाहिए।

महाशिवरात्री व्रत की विधि

महाशिवरात्री व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन, भगवान भोले नाथ का ध्यान करना चाहिए। प्रात: स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है। इसके ईशान कोण दिशा की ओर मुख कर शिव का पूजन धूप, पुष्पादि व अन्य पूजन सामग्री से पूजन करना चाहिए

इस व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है। प्रत्येक पहर की पूजा में “उँ नम: शिवाय” व ” शिवाय नम:” का जाप करते रहना चाहिए। अगर शिव मंदिर में यह जाप करना संभव न हों, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर जाकर इस मंत्र का जाप किया जा सकता हैं। उपावस की अवधि में 4 पहर का रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर अत्यन्त प्रसन्न होते है

शिवपूजन में कुछ खास बाते

-स्नान कर के ही पूजा में बेठे

-साफ सुथरा वस्त्र धारण कर ( हो सके तो सिलाई बिना हो तो बेहतर।)

-आसन एक दम स्वच्छ चाहिए ( दर्भासन हो तो उत्तम )

-पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह कर के ही पूजा करें।

-बिल्व पत्र पर जो चिकनाहट वाला भाग होता हे वाही शिवलिंग पर चढ़ाये ( कृपया खंडित बिल्व पत्र मत चढ़ाये )।

-संपूर्ण परिक्रमा कभी भी मत करे ( जहां से जल पसार हो रहा हे वहा से वापस आ जायें )।

-पूजन में चंपा के पुष्प का प्रयोग ना करे।

-बिल्व पत्र के उपरांत आक के फुल, धतुरा पुष्प या नील कमल का प्रयोग अवश्य कर सकते हैं।

-शिव प्रसाद का कभी भी इंकार मत करे ( ये सब के लिए पवित्र हे )।

पूजन सामग्री

शिव की मूर्ति या शिवलिंगम, अबीर- गुलाल, चन्दन ( सफ़ेद ) अगरबत्ती धुप ( गुग्गुल ) बिलिपत्र बिल्व फल, तुलसी, दूर्वा, चावल, पुष्प, फल,मिठाई, पान-सुपारी,जनेऊ, पंचामृत, आसन, कलश, दीपक, शंख, घंट, आरती यह सब चीजो का होना आवश्यक है

पूजन करने का विधि-विधान

महाशिवरात्री के दिन शिवभक्त का जमावडा शिव मंदिरों में विशेष रुप से देखने को मिलता है। भगवान भोले नाथ अत्यधिक प्रसन्न होते है, जब उनका पूजन बेल- पत्र आदि चढाते हुए किया जाता है। व्रत करने और पूजन के साथ जब रात्रि जागरण भी किया जाये, तो यह व्रत और अधिक शुभ फल देता है। इस दिन भगवान शिव की शादी हुई थी, इसलिये रात्रि में शिव की बारात निकाली जाती है।

पूजन विधि

महाशिव रात्रि के दिन शिव अभिषेक करने के लिये सबसे पहले एक मिट्टी का बर्तन लेकर उसमें पानी भरकर, पानी में बेलपत्र, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित किये जाते है। व्रत के दिन शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए और मन में असात्विक विचारों को आने से रोकना चाहिए।शिवरात्रि के अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है

-जो इंसान भगवन शंकर का पूजन करना चाहता हे उसे प्रातः कल जल्दी उठकर प्रातः कर्म पुरे करने के बाद पूर्व दिशा या इशान कोने की और अपना मुख रख कर .. प्रथम आचमन करना चाहिए बाद में खुद के ललाट पर तिलक करना चाहिए

– इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त को मनचाहा वरदान दे देते हैं। शिवरात्रि पूजा विधि के अनुसार शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से मन की शांति प्राप्त होती है।

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त एवं शिवरात्रि पूजा विधि

-महाशिवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त

-महाशिवरात्रि 2022 तिथि : 01 मार्च 2022

-चतुर्दशी तिथि आरंभ : 03:15am (01मार्च) मंगलवार

-चतुर्दशी तिथि समाप्त : 01:00am (01/02मार्च) मंगलवार

-निशिथ काल पूजा : 24:07 से 24:57

– पारण का समय : 06:46 से 10:26 (02मार्च 2022)

 महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि

-महाशिवरात्रि के दिन गंगा स्नान कर भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि के अनुसार करने से इच्छित फल, धन, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

– महाशिवरात्रि व्रत का सबसे प्रमुख भाग उपवास होता है। सबसे पहले पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें।

-स्नान आदि ने निवृत्त होने के बाद हाथ में अक्षत और गंगाजल लेकर महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प लें।

– संकल्प लेने के बाद सफेद वस्त्र धारण करें और किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवजी का पंचामृत से अभिषेक कराएं।

-शंकर जी का अभिषके करने के लिए पंचामृत में दूध, दही, शहद, गंगाजल और काले तिल का उपयोग करें।

-पंचामृत से अभिषेक के बाद शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करें शिवलिंग बेल-पत्र, गाजर, बेर, धतूरा, भांग, सेंगरी और जनेव जरूर चढ़ाएं।

– भगवान शिव जी का अभिषेक करने के पश्च्यात शिवपरिवार को केसर का तिलक करें और सफेद फूल की माला अर्पित करें।

– महाशिवरात्रि पर भगवान का तिलक करने के बाद उन्हें स्वच्छ वस्त्र अर्पित करें और धूप-दीप शिवजी की पूजा करें।

– शिव चालीसा का पाठ करने के बाद शिव जी की आरती करना ना भूलें।

– आरती करने के बाद उत्तर दिशा की तरफ मुख करके ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। रात्रि में शिव जी का जागरण करना अनिवार्य है।

-शिव आराधना में लीन रहते हुए अगली सुबह शिवजी को फल का भोग लगा कर स्वयं भी फल का सेवन कर व्रत खोलें।

Related Articles

बिगलीक्स

Agra News : ADA survey for Yamuna submerged area in Agra#Agra

आगरालीक्स ..Agra News : ..आगरा में यमुना के डूब क्षेत्र में 2121...

बिगलीक्स

Agra News : SNMC, Agra Linac block for radiotherapy start from 5th February 2025#Agra

आगरालीक्स ..Agra News : .आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में कल से...

बिगलीक्स

Agra News : Tractor hit 3 year old Palak, died two day before her birthday#Agra

आगरालीक्स ….Agra News : आगरा में चॉकलेट दिलाने की जिद कर रही...

बिगलीक्स

Agra News : City zone divided in two part after three new Police station#Agra

आगरालीक्स ..Agra News : ..आगरा पुलिस कमिश्नरेट में तीन नए थाने बनने...