मथुरा के जैत निवासी गोविंद सिंह के 9 महीनों के बेटे देवेंद्र को जन्म के कुछ महीनों बाद से
बार-बार सांस संबंधी संक्रमण था। 7वें महीने में बच्चे को गंभीर रूप से सांस लेने में दिक्कत और
खांसी की शिकायत होने लगी जिसके बाद स्थानीय बाल रोग विषेशज्ञों ने उसका परीक्षण किया।
परीक्षण में निमोनिया के साथ ही हृदय से असामान्य आवाजें आने की बात का पता चला और उसे दिल्ली में डॉक्टरों को दिखाने की सलाह दी गई। व्यापक जांच परीक्षण के बाद बच्चे के निमोनियाका इलाज किया गया और इसके साथ ही बच्चे के हृदय में आर्टियल और वेंट्रिक्यूलर स्तर पर कई छेद के साथ ही हृदय की प्रमुख धमनियों के बीच असामान्य संपर्क और बाएं फेफड़े की ओर जाने वाली खून की नस के संकरे होने की बात का पता चला जिसे
’’एसीएचडी-एएसडी-वीएसडी-पीडीए विथ एलपीए स्टेनॉसिस’’ कहते हैं।
नयति सेंटर फॉर कार्डियक साइंसेस के चेयरमैन डॉ. वेणुगोपाल राम राव ने कहा, ‘ यह पष्चिमी
उत्तर प्रदेष में की गई ऐतिहासिक पेडियाट्रिक सर्जरी थी जो कुछ समय पहले तक
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के कुछ ही कार्डिएक केंद्रों में की जाती थी। बच्चे का ऑपरेषन
सफलतापूर्वक किया गया और दोनों छेदों को बंद करने के साथ ही इंट्राकार्डिएक रिपेयर किया
गया, असामान्य संपर्क (पीडीए) को बंद किया गया और हार्ट लंग मषीन की सहायता से बाएं
फेफड़े की ओर जाने वाली संकरी होती खून की नस को चौड़ा किया गया। बच्चे को पोस्ट ओपी
कार्डिएक सर्जिकल आईसीयू में रखा गया और कुछ ही घंटों के भीतर वेंटिलेटर भी हटा दिया
गया। ‘
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