आगरालीक्स…आगरा में अनाथ बेटियों के साथ मनाया तीज का त्योहार. बेटियों के हाथों में मां, चाची, ताई ने रचाई मेहंदी, भाईयों ने कलाई पर बंधवाई राखी, सांस्कृतिक कार्यक्रम में गाए मल्हार. माधवी अग्र महिला मण्डल आयोजित किया गया बेटियों का मायका व विदाई समारोह
चेहरे पर अजब खुशी थी। जिसमें आंखे नम और ओठों पर मुस्कुराहट थी। मायके आने खुशी चेहरे पर कुछ इसी तरह झलक रही थी। अनाथ बेटियों को मायके का और उनके बच्चों को नाना-नानी का प्यार मिला। सावन के महीने में मायके पहुंची बेटियों के हाथों में मेहंदी रची और भाईयों की कलाई पर राखी भी बांधी। मौका था माधवी अग्र महिला मण्डल द्वारा बेटियों का मायका एवं विदाई समारोह का। जिसमें श्रीमद्दयानन्द अनाथालय की 40 विवाहित व अविवाहित बेटियों ने परिवार संग भाग लिया। बेटियों के आगमन पर चौक पुराया गया, माटी रंगाई गई। रात्रि निवास के दौरान अपने मन की बातों को संगठन की महिलाओं संग मां, चाची, ताई के रूप में साझा की।

कार्यक्रम का शुभारम्भ अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल, महामंत्री उषा बंसल, कोषाध्यक्ष आभा जैन, संयोजिका वंदना अग्रवाल ने महाराजा अग्रसेन व महारानी माधवी की तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर किया। मंडल के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयन्ती समारोह का भी आयोजन किया गया। सपरिवार मायके आयी बहनों के लिए मंडल की सदस्याओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसका शुभारम्भ गणेश वंदना के साथ रिद्दी बंसल ने किया। नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से बुजुर्जों की सेवा करने का संदेश दिया। संचालन पवन आगरी ने किया।
भाई की कलाई पर राखी बांधी तो झलक आए आंसू
आगरा। मायके पहुंची अनाथ बेटियों ने संरक्षक मंडल के सदस्यों (बीडी अग्रवाल, मोहनलाल, सुरेशचंद गर्ग, सुनील विकल, मुकुन्द सिंघल, महेन्द्र गर्ग, विजय बंसल, संजय कुमार) की कलाई पर राखी बांधी तो खुशी के आंसू झलक आए। बहनों को सावन के महीने में भाईयों द्वारा ढेरों उपहार दिए गए।
इनकी रही विशेष उपस्थिति
उषा मित्तल, आरती सामा, डॉ. रीता अग्रवाल, वत्सला प्रभाकर, शीला बहल, गरिमा, निधि, सीताराम अग्रवाल, विजय कुमार, मुकुन्द सिंघल, एमके गर्ग, सुनील बंसल, ओमप्रकाश गोयल, ममता गोयल, पद्मा बंसल
कल दोपहर 2 बजे होगी बेटियों की विदाई
आगरा। माये आयी अनाथ बेटियों के रात्रि निवास के बाद 7 अगस्त को दोपहर 2 बजे बेटियों की विदाई की जाएगी। पति के माथे पर तिलक व बच्चों और बेटियों को उपहार दिए जाएंगे। रात्रि निवास के दौरान बच्चों को आकर्षक गेम खिलाए गए व बेटियों से उनके सुख-दुख साझा किए।