आगरालीक्स …आगरा में दृष्टि २०१६ में लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। कोलकाता के आत्मविश्वास स्कूल की दिव्यांग छात्रा गौतमी और डॉली मिश्रा को उनके डिजाईन के लिए “दृष्टि स्पेशल अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
आगरा के डॉ भीमराव अंबेडकर विवि के जुबली हॉल में दूसरे दिन १० शार्ट फिल्मो से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अहमदाबाद से आई लघु फिल्म “नयन” ने सभागार में मौजूद दर्शको को नेत्रदान के प्रति सोचने के लिए मज़बूर कर दिया। फिल्म फेस्टिवल में “दीपदान”, “क्रेयॉन्स”, “दस्तक”, “एक उम्मीद रौशनी की”, “विज़न” आदि फिल्मो को भी दर्शको ने सराहा। “आँखों से देखा तो”, “मन की बाते”, “नेत्रदान” आदि ऑडियो जिंगल्स ने भी नेत्रदान का सन्देश देने के साथ दर्शको को अभिभूत किया। इस बार 9 में से 7 अवार्ड अकेले तमिलनाडु के प्रतिभागियों ने जीते।
ऑडियो जिंगल्स श्रेणी में कोयम्बटूर की अबिनय परमेस्वरन के ऑडियो जिंगल्स “आँखों से देखा तो” ने जीता गोल्डन ऑय अवार्ड, सिल्वर ऑय अवार्ड पर नई दिल्ली के सौरभ आहूजा के ऑडियो जिंगल्स “मन की बातो” ने जीता। समारोह के दौरान अबिनय परमेस्वरन ने अपने ऑडियो जिंगल्स की लाइव प्रस्तुति दी और उनकी बहन कल्याणी ने नेत्रदान के बारे अपने विचार रखते हुए कहा कि हम सभी को अंतर्दृष्टि के इस अभियान में जोर शोर से भागीदारी करनी चाहिए। इस श्रेणी में ऑडियंस चॉइस अवार्ड “मेक योर आईज अलाइव आफ्टर डेथ” को मिला जिसको विरुधुनगर के एस. अदले लेमुएल ने तैयार किया था।
विरुद्धनगर तमिलनाडु के एम. विन्सेन्ट राजा को उनके पोस्टर “डोनेट ऑय गिफ्ट विज़न” के लिए गोल्डन ऑय एवं ऑडियंस चॉइस अवार्ड और इसी शहर के पोन बालाजी एस. को “डोनेट आईज गिफ्ट साइट ” पोस्टर को सिल्वर ऑय अवार्ड मिला।
विजेताओ को आगरा के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. एस. के. सत्संगी और एम. एस. डब्लू. विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रणवीर सिंह ने पुरुस्कृत किया। इस अवसर पर एम. एस. डब्लू. विभाग के छात्र छात्राओ ने नेत्रदान प्रोत्साहन हेतु एक कैलेंडर का भी विमोचन किया। डॉ. सत्संगी ने अंतर्दृष्टि के प्रयासों को सराहते हुये उन्होंने कहा कि आगरा में नेत्र बैंक है लेकिन हमे अभी नेत्रदान जागरूकता के लिए बहुत काम करना है।
पुरुस्कार वितरण समारोह से पहले अंतर्दृष्टि के अखिल श्रीवास्तव ने नेत्रदान और इसकी जरुरत के बारे में विस्तार से बताते हुए सभागार में मौजूद दर्शको की नेत्रदान संबंधी जिज्ञासाओं का भी निदान किया।
आगरा से आई फिल्म एक उम्मीद रोशनी की के निर्देशक शैलेन्द्र नरवार ने कहा कि जितना गंभीर विषय है उतना ही उपेक्षित है, हम सभी को मिल कर नेत्रदान प्रोत्साहन के लिए काम करना चाहिए।
डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय का एम. एस. डब्लू. विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में हिमालय शर्मा, सनी फौजदार, मोहन कुमार, वरुण चौधरी, सुधीर सकय, उमाकांत, दिलीप, ऋषभ, योगेश शर्मा, अज़हर उमरी, अमर प्रकाश, राशि शुक्ला, आदि ने महत्वपूर्ण योगदान किया।
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