Monday , 10 March 2025
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Agra News: Governor said in the convocation, students are suffering loss due to delay in results after examination…#agranews

आगरालीक्स…आगरा विवि में अनपढ़ नहीं, पढ़े लिखे लोग ही कर रहे छात्रों का भविष्य खराब. परीक्षा के बाद रिजल्ट में देरी से हो रहा छात्रों का नुकसान. राज्यपाल की कड़ी चेतावनी

भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का नवासीवां दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित शिवाजी मंडपम में संपन्न हो गया। आयोजन की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डा. एन. कलैसेल्वी थीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के उच्च एवं तकनीकि शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय मौजूद रहे। विश्वविदयालय की कुलपति प्रो. आशुरानी ने दीक्षांत समारोह की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इस 89वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों विद्यालयों को 120 पदक दिए जा रहे हैं, जिनमें 105 स्वर्ण और 15 रजत पदक हैं। छात्राओं ने कुल 91 पदक प्राप्त किए हैं, जो 75.6 प्रतिशत है। इनमें 78 स्वर्ण और 13 रजत हैं। वहीं छात्रों को कुल 29 पदक मिलेंगे, जो 24.4 प्रतिशत हैं। इनमें से 27 स्वर्ण और दो रजत पदक हैं।

10 मेडल्स के साथ गोल्डन गर्ल बनीं डॉ. प्राची
एसएन मेडिकल कालेज की प्राची गुप्ता को सर्वाधिक 10 पदक, शिकोहाबाद के नारायण कॉलेज की छात्रा निवेदिता सिंह को पांच पदक, समाज विज्ञान संस्थान के छात्र श्रेष्ठ वर्धन शुक्ला और सेंट जोंस कॉलज की श्रुति माहेश्वरी को चार-चार पदक प्राप्त हुए। भावना उपाध्याय, ईला अहमद, वंशिका हरपलानी को तीन-तीन और दिव्यांश पचौरी, अंकिता मिश्रा, दीपेंद्र सिंह, काजल जैन, कशिश सिंह, कुमारी डौली, प्रिया राजावत, प्रियम चौरसिया, साधना कुमारी, शिवांगी गुप्ता, श्रीजी अग्रवाल, विष्णु कुमार को दो-दो पदक प्राप्त हुए। साथ ही चार डी.लिट्, 97 पीएच. डी. के साथ स्नातक की 1,11,307, परास्नातक की 10663 और प्रोफेशनल कोर्स में 12602 समेत कुल 1,36,833 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गईं। सभी उपाधियों को डिजिलॉकर में सुरक्षित अपलोड कर दिया गया, जिन्हें राज्यपाल ने बटन पर क्लिक कर राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (एनएडी) पर अपलोड की।

राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही 30 आंगनबाडी किट, 30 प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को शिक्षण सामग्री के साथ 105 महिला टी.बी. मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गई। विश्वविद्यालय सामुदायिक रेडियो के माध्यम से सभी शिक्षक व कर्मचारी ने गोद लिया है। ट्रान्सजेंडर सेल का गठन के साथ राज्यपाल के हाथों दर्जनभर प्रोजेक्ट का लोकार्पण व शिलान्यास कराया गया। इनमें खंदारी परिसर में छात्र परिषद भवन, नवग्रह वाटिका व आरोग्य वाटिका, विश्वविद्यालय आरोग्य केंद्र, बेसिक विज्ञान विभाग में सौर ऊर्जा संयंत्र, प्रधानमंत्री कौशल विकास कंप्यूटर लैब, कुलाधिपति निलयम, स्कूल ऑफ लाइफ साइंस में पर्यावरण विज्ञान प्रयोगशाला, लेक्चर कैप्चरिंग फेसिलिटी सेंटर, पालीवाल पार्क परिसर में के.एम. मुंशी अभिलेख धरोहर संग्रहालय व शोध केंद्र, छलेसर परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र, महाराणा प्रताप छात्रावास, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम का शिलान्यास किया गया।

प्रवेश, परीक्षा और परिणाम को पटरी पर लाना होगा
अपने संबोधन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि दीक्षांत का आयोजन नए साल की शुरूआत में हो रहा है, लेकिन इसमें इसे नए सत्र की शुरुआत में लेकर आना है। दीक्षांत समारोह जुलाई में होना चाहिए। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था की गई हैं। यहां भी अमल में लाई जाएगी। इसके लिए हमें सत्र से लेकर प्रवेश, परीक्षा और परिणाम को पटरी पर लाना होगा। ऐसा न होने से विद्यार्थियों को नुकसान हो रहा है और उनका भविष्य भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन परीक्षा के बाद परिणाम में देरी कुछ कमियों के कारण हो रही है, जिन्हें अनपढ़ नहीं, पढ़े-लिखे लोग ही कर रहे हैं। अब हमने संकल्प लिया है कि इन गलतियों को हम नहीं दोहराएंगे। ऐसा करने वालों को हम चिह्नित करेंगे और जो लापरवाही करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश के विश्वविद्यालय नैक में अच्छा कर रहे हैं, छह विश्वविद्यालयों ने ए प्लस प्लस ग्रेड लाकर 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया है। आप भी नैक में अच्छा करें, तो आपको भी अधिक अनुदान मिलेगा। मैंने कुलपति को निर्देश दिए हैं कि 15 मार्च तक नैक की सारी तैयारियां पूरी करके मेरे पास आएं और तिथि लें। तैयारी पूरी हैं, तो प्रजेंटेशन दें। नहीं तो आपको जो करना है, वह तो चलता ही रहेगा। हमें व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कड़े निर्णय लेने होंगे। सभी कार्य समय पर होंगे, तो विद्यार्थी भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे क्योंकि उनमें क्षमता की कोई कमी नहीं है।

ग्रेड में बांटा जाएं कॉलेजों को
कुछ कॉलेजों की लापरवाही और समय से अंक उपलब्ध न कराने से पूरा परिणाम प्रभावित रहता है। इसके लिए हमने अपने कॉलेजों को तीन श्रेणी में बांटा है, अच्छा प्रदर्शन करने वालों को एक, छोटी-छोटी गलतियां करने वालों को बी ग्रेड और लापरवाही करने वाले कॉलेजों को सी ग्रेड में रखा जाएगा। ए ग्रेड वालों को सम्मानित किया जाएगा। बी वालों को मार्गदर्शन दिया जाएगा, जबकि सी ग्रेड वालों प्रत्येक दो कॉलेजों पर एक-एक शिक्षक को तैनात किया जाएगा, जो वहां जाकर उनके कार्यकलापों को सुधारने के लिए जागरूक करेंगे। इसके बाद भी जो नहीं सुधरेगा, उस पर तो कार्रवाई होगी ही। यह पांच लाख विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है। हमें व्यवस्थाएं सुधारनी हैं, तो सारे कार्य एकसाथ ही करने होंगे। वहीं विद्यार्थियों को अपने शैक्षिक स्तर को ऊंचा रखते हुए राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में काम करना होगा, तभी अमृत काल में देश विश्व गुरु बन पाएगा।

मुख्य अतिथि वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डा. एन. कलैसेल्वी का कहना था कि पांच लाख विद्यार्थियों को पढ़ाना और 1.3 लाख विद्यार्थियों को डिग्री देना आसान नहीं है, लेकिन आज डिजिलॉकर के माध्यम से सिर्फ एक क्लिक से यह संभव हो सका है। यह तकनीक और विज्ञान की शक्ति है। एक समय देश को गरीब और मांगने वाला देश तक कहा गया लेकिन अब यही भारत दुनिया को अन्न के साथ दवाएं और सुरक्षा आदि उपलब्ध करा रहा है। यह सब तकनीक के प्रयोग से ही सार्थक हो पाया है। यह भारत का स्वर्णिम युग है। देश को 2047 तक विकसित करना है, ऐसा सपना देखना है, तो हम सभी को मिलकर इसे पूरा करना होगा। सिर्फ कुछ लोगों के प्रयास से इसमें सफलता नहीं मिलेगी। मिलकर करेंगे, तो आपको पूरा विश्व देखेगा। विश्व भी भारत की ओर इसलिए देख रहा है क्योंकि यहां का युवा और नेतृत्व लगातार स्वयं को साबित कर रहा है। हमारे पास 25 वर्ष हैं, स्वयं को शैक्षिक, तकनीकी व शोध और इंडस्ट्री के रूप में मजबूत करना होगा। तभी हम आत्मनिर्भर बन पाएंगे।

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना था कि कोविड-19 में विश्व ने देखा कि हमारे पास आपदा प्रबंध का सबसे बेहतरीन शिक्षक व नेतृत्वकर्ता है। यदि आप भी अपनी उपाधियों का प्रयोग ऐसे ही करेंगे, तो यकीनन इस उपाधि की सार्थकता साबित होगा। माननीय राज्यपाल महोदय के नेतृत्व में विश्वविद्यालय लगातार बेहतरी की ओर अग्रसर है। उम्मीद है, जल्द ही इसे कानपुर के साहूजी महाराज विश्वविद्यालय की तरह ही नैक से ए प्लस-प्लस दर्जा मिल जाएगा। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

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