Friday , 21 February 2025
Home आगरा Agra News : Weight of School bag become status symbol for Parents in Agra #agra
आगराटॉप न्यूज़बिगलीक्स

Agra News : Weight of School bag become status symbol for Parents in Agra #agra

आगरालीक्स…आगरा में नन्हें कंधे स्कूल बैग उठा नहीं पा रहे हैं इसलिए यह बोझ भी अब मम्मी और पापा के कंधे पर लदा है, जिस स्कूल का बैग जितना भारी वो स्कूल उतना अच्छा, क्या है आपकी राय ?

आगरा में अधिकांश स्कूलों के नए सैशन शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही भारी बस्तों और सिलेबस को देख—देखकर माता—पिता के चेहरे पर शिकन है। आपको भी स्कूलों से निकल रहे बच्चे दिखते होंगे। किसी की कमर झुकी जा रही होती है तो कोई बैग के भार से दबा जा जाता है। एक-एक कदम आगे बढ़ाने के लिए उन्हें खुद को आगे खींचना पड़ता है। उन्हें तकलीफ हो होती है, लेकिन इससे जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। पढ़िए एक्सपर्ट्स से बातचीत पर आधारित आगरालीक्स की एक विस्तत रिपोर्ट…


मनोवैज्ञानिक डॉ. नवीन गुप्ता बताते हैं कि स्कूल शुरू होते ही उनसे तमाम ऐसे अभिभावक टकराने लगते हैं जिनकी मुख्य चिंता होती है ब​च्चे का सिलेबस कैसे पूरा होगा। असल में इस समस्या की जड़ स्कूल बैग है। सलाह सब चाहते हैं लेकिन प्रयास कोई नहीं करता। स्कूलों के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों से बात कोई नहीं करता। सभी फैशन की अंधी दौड़ में शामिल हैं। जिसका बच्चा भारी बैग लेकर जा रहा है उस विद्यालय को सबसे अच्छा समझा जा रहा है। यह देखकर हैरानी होती है कि मम्मी—पापा सिर्फ इसलिए स्कूल जा रहे हैं कि बच्चों का बैग उन्हें उठाना है। यह समस्या लगभग हर सोसायटी की है। मम्मी प्लीज स्कूल—क्लास तक छोड़ दो, बैग बहुत भारी है। परिस्थितियां ऐसी भी क्या विपरीत हैं कि स्कूल जाने वाला लगभग हर बच्चा अपने माता—पिता से यह दरख्वास्त कर रहा है।

नुकसान क्या है ?
— लंबे समय तक भारी स्कूल बैग उठाते रहने से स्कोलियोसिस या अन्य रीढ़ की हड्डी की विकृति
— समय के साथ भारी बैग ले जाने के प्रभाव के कारण अक्सर बच्चों को पीठ दर्द का अनुभव होता है
— लड़कियों को आमतौर पर लड़कों की तुलना में अधिक दर्द का अनुभव होता है।
विशेष रूप से भारी स्कूल बैग ले जाने वाले बच्चों में अक्सर आगे की ओर सिर रखने की मुद्रा विकसित हो जाती है।

एक विषय की दो—दो किताबों ने और बढ़ाया वजन
एक दिन में, औसत स्कूली बच्चा लगभग 8 अलग-अलग विषयों का अध्ययन करता है। इसका मतलब है कि बच्चे कम से कम 8 अलग-अलग स्कूल की किताबें ले जाते हैं। वहीं अब कई स्कूलों ने एक ही विषय की दो—दो किताबें भी कर दी हैं। इसके अलावा बच्चे के स्कूल बैग में इन सभी विषयों की नोटबुक, वर्कशीट, पेंसिल बॉक्स, लंच बॉक्स भी होता है। उनके गले में एक वॉटर बोतल भी लटकी होती है। स्कूलों को चाहिए कि वे इसे कम करें।

हमें इसे हालातों पर नहीं छोड़ना चाहिए
डॉ. गुप्ता कहते हैं कि बच्चे छोटे होते हैं इसलिए हम ऐसे मामलों को मामूली समझकर छोड़ देते हैं। लेकिन हमें समझना होगा कि यह मामूली मुद्दा नहीं है। कुछ माता-पिता इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ हो सकते हैं कि उनके बच्चे प्रतिदिन अपने बैग में कितना वजन लेकर घूम रहे हैं, और जब उनके बच्चे पीठ दर्द की शिकायत करने लगते हैं, तो उन्हें कारण का एहसास भी नहीं हो सकता है क्योंकि उन्होंने पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है।

शिक्षा नीति में गाइडलाइन भी है
शिक्षा नीति के तहत स्कूल एजुकेशन में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता के बेहतर होने की उम्मीद है। इसी तरह से प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के बच्चों के स्कूल बैग का वजन तय करने को लेकर भी गाइडलाइंस हैं।

Related Articles

बिगलीक्स

Agra News Video : Family going to Mahakumbh complaint of beaten by Thaba employees in Agra #agra

आगरालीक्स….Agra News : महाकुंभ स्नान करने टेंपो ट्रैवलर से जा रहे परिवार...

बिगलीक्स

Agra News : Woman digital arrest for four days, Dupe Rs 13.41 Lakh#Agra

आगरालीक्स …Agra News : आगरा की युवती को कूरियर से बैंकाक ड्रग्स...

बिगलीक्स

Taj Mahotsav 2025 : Jassi Gill & Astha Gill perform today #Agra

आगरालीक्स …Agra News : आगरा में आज ताजमहोत्सव में जस्सी गिल और...

बिगलीक्स

Agra News : Two youth on bike beat up Girl student on road#Agra

आगरालीक्स …Agra News : आगरा में मनचलों ने बीच सड़क पर छात्राओं...

error: Content is protected !!