आगरालीक्स…आईएमए आगरा ने कैंसर के खिलाफ एकजुट होकर किया जागरूक. रोकथाम व उपचार के बारे में दी जानकारी
भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), आगरा द्वारा “यूनाइटेड बाय यूनिक” थीम के तहत विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके रोकथाम व उपचार के बारे में जानकारी साझा की। कार्यक्रम का संचालन आईएमए आगरा के संयुक्त सचिव डॉ. करण आर. रावत ने किया। उन्होंने कैंसर से लड़ने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर हम जागरूक रहें और समय पर इलाज कराएं, तो इसे हराया जा सकता है।”
डॉ. नवनीत अग्रवाल, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, ने भारत में कैंसर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और मुंह के कैंसर सबसे आम हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवनशैली में बदलाव और नियमित जांच से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। आईएमए की उपाध्यक्ष और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा सिंह ने सर्वाइकल कैंसर के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। इसकी रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीन बेहद प्रभावी है। यह वैक्सीन 9 से 26 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं को दी जानी चाहिए।”
प्रोफेसर अंशिका अरोड़ा मित्तल ने कैंसर के जोखिम कारकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “कैंसर के विकास के लिए जोखिम कारकों में मोटापा, नियमित व्यायाम की कमी, शराब, तंबाकू और गुटखा शामिल हैं। इसके अलावा, एचपीवी वायरस और हेपेटाइटिस बी वायरस जैसे संक्रमण भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। इन संक्रमणों से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर का समय पर पता लगाना इसके इलाज की कुंजी है।” डॉ. वरुन अग्रवाल, ऑन्कोसर्जन, ने मुंह और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत में मुंह के कैंसर के मामले तंबाकू और गुटखा के सेवन के कारण बढ़ रहे हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें पेट और आंतों का कैंसर शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वस्थ आहार और नियमित जांच से इन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
डॉ. रोहित मंगल, हेमेटोऑन्कोलॉजिस्ट, ने ब्लड कैंसर के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “ब्लड कैंसर तीन प्रकार के होते हैं: ल्यूकेमिया, मायलोमा और लिंफोमा। 2025 तक, इम्यूनोथेरेपी, कीमोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए अधिकांश ब्लड कैंसर का इलाज संभव होगा। पिछले 5 वर्षों में इलाज की लागत में भी कमी आई है। आगरा में कैंसर के इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, और 24 घंटे के भीतर प्रोविजनल रिपोर्ट मिल जाती है, जिससे समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है।” डॉ. तुषार अग्रवाल, ऑन्कोपैथोलॉजिस्ट, ने बताया कि पैथोलॉजी कैंसर के निदान और उपचार में कैसे मदद करती है। उन्होंने कहा, “पैथोलॉजी टेस्ट के माध्यम से कैंसर के प्रकार और स्टेज का पता लगाया जाता है, जिससे सही इलाज योजना बनाई जा सकती है।”
डॉ. अकृति जैन, मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोसर्जन, ने हड्डी के कैंसर के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हाथ या पैर में सूजन या दर्द हड्डी के कैंसर का संकेत हो सकता है। आधुनिक तकनीकों जैसे जोड़ प्रत्यारोपण, एक्स्ट्रा कॉरपोरल रेडियोथेरेपी और क्रायोथेरेपी के जरिए अब अंगों को बचाया जा सकता है। सही इलाज से 70% हड्डी के कैंसर के मरीज लंबा जीवन जी सकते हैं।”
आईएमए आगरा के सचिव डॉ. राजनीश मिश्रा ने कहा, “आगरा में कैंसर के इलाज की सभी सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं। मरीजों को अब दूसरे शहरों जैसे दिल्ली या जयपुर जाने की आवश्यकता नहीं है। हमारे पास सभी आधुनिक तकनीकें और संसाधन हैं जो कैंसर के इलाज के लिए जरूरी हैं।”
आईएमए आगरा के कोषाध्यक्ष डॉ. मुकेश भारद्वाज ने कहा, “हम डॉक्टरों का समुदाय सभी से अनुरोध करता है कि वे आगे आएं और कैंसर को समय पर पहचान कर और उचित स्क्रीनिंग के माध्यम से हराएं। जल्दी पता लगाना और सही इलाज ही कैंसर को हराने की कुंजी है।”
कार्यक्रम के अंत में आईएमए आगरा के अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने अपने समापन भाषण में कहा, “कैंसर जागरूकता दिवस पर हमें कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को समय पर जांच व इलाज के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। आईएमए आगरा कैंसर के खिलाफ लड़ाई में प्रतिबद्ध है और हमें उम्मीद है कि आप भी इस पहल में शामिल होंगे।”