आगरालीक्स…आगरा की क्रिश्चियन सोसाइटी में पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक. सरकार से की सम्मान में एक दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग
पोप फ्रांसिस अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. सोमवार को 88 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली. वेटिकर समाचार के अनुसार वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बीते दिन ईस्टर के अवसर पर लंबे समय बाद वे लोगों के सामने आए थे. भारत दौरे पर आए अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने भी एक दिन पहले ही उनसे मुलाकात की थी. उनके निधन पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने भी शोक जताया है. पोप फ्रांसिस जेसुइट आर्डर से पहले पोप थे. अर्जेंटीनो ब्यूनस आयर्स में जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो के रूप में जन्मे पोप फ्रांसिस 1969 में कैथोलिक पादरी नियुक्त् किएगए थे. 28 फरवरी 2013 को पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद 13 मार्च को एक पोप सम्मेलन में कार्डिनल बर्गोग्लियो को उनका उत्तराधिकारी चुना. उन्होंने सेंट फ्रांसिस आफ असीसी के सम्मान में फ्रांसिस को अपना पोप नाम चुना. आगरा के ईसाई समाज में शोकपोप के निधन से आगरा के ईसाई समाज में शोक की लहर छा गई है. इस संबंध में क्रिश्चियन समाज सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष डेनिस सिल्वेरा ने कहा कि उनका जीवन मानवता, प्रेम, और करुणा का एक अद्वितीय उदाहरण था। उन्होंने पूरी दुनिया को शांति, सेवा और सौहार्द का संदेश दिया. मेरे लिए यह बहुत ही सौभाग्य की बात रही है कि वेटिकन सिटी से पोप फ्रांसिस द्वारा मेरे नाम पर दो 2 पत्र प्राप्त हुए, जो मेरे जीवन की अनमोल धरोहर हैं. यह उनकी महानता और प्रेमभावना का प्रतीक है. उन्होंने भारत सरकार से विनम्र अनुरोध करता हूँ कि पोप फ्रांसिस के सम्मान में एक दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए, ताकि देशवासियों को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिल सके.