आगरालीक्स …आगरा में कान्वेंट और मिशनरी स्कूलों में अप्रैल में नया सत्र शुरू होगा, इससे पहले महंगा बैग और यूनीफॉर्म स्कूल से दी जाती हैं तो कार्रवाई की जाएगी, स्कूल की मान्यता भी रदद की जा सकती है।
आगरा में मार्च के अंतिम सप्ताह में अधिकांश स्कूलों में 10 वीं और 12 वीं को छोडकर रिजल्ट आ जाएगा। रिजल्ट आने के साथ ही छात्रों का आगे की क्लास में प्रवेश ले लिया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल से ही छात्रों को बैग और यूनीफॉर्म दी जाती है। बुक सेलर स्कूल में ही स्टॉल लगा लेते हैं, एक स्लिप पकडा दी जाती है, जिससे कि पैरेंटस कहीं और से किताब कॉपी न खरीद सकें। इसी तरह से यूनीफॉर्म के साथ होता है, यह भी स्कूल बाते ही तय करते हैं।
नर्सरी का बस्ता तीन से पांच हजार रुपये
कान्वेंट और मिशनरी स्कूलों में नर्सरी का बैग ही तीन से पांच हजार रुपये का है, जबकि सरकार कक्षा एक से पहले तक बैग लेस एजुकेशन पर जोर दे रही है। इसी तरह से यूनीपफॉर्म भी तीन से चार हजार रुपये की मिल रही है। क्लास बढने के साथ ही बैग और यूनीपफॉर्म का खर्चा भी बढ रहा है।
स्कूल और बुक सेलर कर रहे कमाई
स्कूल में सप्लाई की जा रही किताब कॉपी को लेकर कई रिपोर्ट आ चुकी हैं, इसके अनुसार 10 रुपये की कॉपी और किताब स्कूल में 70 से 100 रुपये में पैरेंटस को मिलती है, वे बाजार से सस्ती कॉपी और किताब खरीदना चाहें तो उनसे मना कर दिया जाता है। इस खेल में स्कूल को 40 से 50 फीसद कमीशन मिलता है, इतना ही कमीशन बुक सेलर का होता है।
स्कूल या निर्धारित दुकानों से किताबें व यूनिफॉर्म खरीदने को बाध्य करने वाले स्कूलों की राह इस बार मुश्किल हो सकती है। इसको लेकर राज्य सरकार गंभीर है। शिकायत पर स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा। मान्यता के लिए जारी एनओसी तक निरस्त हो सकती है।सीबीएसई के सिटी कॉआॅडिटरनेटर रामानंद चौहान का कहना है कि पैरेंटस को किताब कॉपी और और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
आगरा के डीआइओएस विनोद राय का मीडिया से कहना है कि स्कूल किताब कॉपी और यूनीपफॉर्म खरीदने के लिए परिजनों पर दबाव बनाते हैं तो शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, शासन के निर्देश पर मान्यता रदद करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
फाइल फोटो