आगरालीक्स.. राजा मान सिंह एंनकाउंटर केस में 11 दोषी करार दिए गए। तीन को बरी कर दिया गया।\
भरतपुर के राजा मान सिंह निर्दलीय चुनाव लड रहे थे, डीग में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का 20 फरवरी,1985 को सभा के मंच व हेलीकॉप्टर को जोंगा जीप की टक्कर से क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके अगले दिन 21 फरवरी, 1985 को पुलिस के एनकाउंटर में राजा मान सिंह व दो अन्य की मौत हो गई थी। राजा मान सिंह के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। जयपुर सीबीआइ कोर्ट में 18 पुलिस कर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे को राजस्थान से बाहर स्थानांतरित करने की अपील की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश मथुरा स्थानांतरित कर दिया।
35 साल पुराने केस में आया निर्णय
मथुरा कोर्ट में 35 साल पुराने केस में आया जिला जज साधना रानी ठाकुर ने मुकदमे में 11 आरोपितों को दोषी ठहराया है, जबकि तीन आरोपितों को बरी कर दिया गया है।
ये ठहराए दोषी
तत्कालीन डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी, तत्कालीन एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह, सुखराम, जीवनराम, जगमोहन, भंवर सिंह, हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमा राम, रविशेखर।
ये हुए बरी
हेड कांस्टेबल हरीकिशन, कांस्टेबल गोविंद प्रसाद, कान सिंह सिरबी