आगरालीक्स ..आगरा से कई राज्यों में आनलाइन ठगी कर रहे साइबर शातिरों के गैंग को पुलिस ने किया अरेस्ट, ठगी का नया तरीका, किराए पर 28 बैंक एकाउंट
मिले हैं।
आगरा के न्यू आगरा क्षेत्र के रहने वाले कारोबारी गिर्राज शर्मा और प्रवीन अग्रवाल ने लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र से सस्ते दामाें पर 16 टन प्याज मंगवाने के लिए ट्रक भाड़े के लिए आनलाइन ट्रांसपोर्ट कंपनी सर्च की, उन्हें सस्ती दर पर ट्रक उपलब्ध कराने वाली कंपनी मिल गई, साइबर शातिरों ने बातों में लेकर 50 हजार रुपये ठग लिए। कारोबारी प्रवीन अग्रवाल ने मुरैना से अलीगढ़ सस्ते दाम पर सरिया भेजने के लिए आनलाइन सर्च किया। उन्हें शातिरों ने जाल में फंसाकर 12 हजार रुपये ठग लिए। साइबर सेल ने जांच की, साइबर सेल ने एत्माद्दौला पुलिस के साथ एत्माद्दौला के गुलाब नगर निवासी किशन सिंह, दीपक तोमर और चंदन नगर निवासी अतुल को अरेस्ट कर लिया। गैंग में शामिल गुलाब नगर निवासी अखिलेश, अमित और गोविंद अभी फरार हैं।
इस तरह करते थे आनलाइन ठगी
एसएसपी बबलू कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि किशन सिंह गैंग का सरगना है। दो वर्ष से वह इस गैंग को चला रहा है। गैंग के सदस्य देश के विभिन्न राज्यों आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उप्र, मप्र, राजस्थान, तमिलनाडु के लिए ऑनलाइन ट्रकभाड़ा तलाशने वाले लोगों को शिकार बनाते हैं। इंटरनेट पर इन्होंने ट्रकभाड़ा, सस्ता राशन, मालभाड़ा, मूवर्स एंड पैकर्स, आेएलएक्स, ई ट्रक, जस्ट डायल पर शातिरों ने अपने नंबरों का जाल बिछा रखा है। गैंग ने प्रिंस एंटरप्राइजेज, युवराज राेड लाइंस, मूवमेंट लॉजिस्टिक, सहज एंटरप्राइजेज, यूएन इंडिया सपोर्ट, अंबे ट्रांसपोर्ट, श्री देव ट्रांसपोर्ट कंपनी, कपिल शर्मा ट्रेडर्स, एमवीएमआर लॉजिस्टिक प्रालि, शिवा एंटरप्राइजेज, एपीआर एंटरप्राइजेज, बिंदल ट्रांसोल्यूशन प्रालि, नामों से अपना रजिस्ट्रेशन ओएलएक्स, ई ट्रक और जस्ट डायल पर करा रखा है। इन एप्लीकेशन के माध्यम से ही गैंग के मोबाइल नंबरों पर ट्रांसपोर्ट कंपनियों के लिए लोग कॉल करते हैं। इनको सस्ता भाड़े का लालच दिया जाता था। मोबाइल एप के माध्यम से ये फर्जी बिल्टी व्यक्ति के वाट्सएप पर भेज देते थे। इसके बाद खाते में रकम जमा करा लेते थे। अतुल पेट्रोल पंप पर काम करता था। वह कार्ड स्वैप करके पेट्रोल पंप के खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को कैश में बदल देता था।
गैंग के 28 बैंक एकाउंट
यह गैंग खाता धारकों से खाते किराए पर लेता है। पुलिस को गैंग के 28 खातों की जानकारी हुई है। जिन खातों से ठगी की गई हैं। वे अधिकतर बंद हो चुके हैं। वर्तमान में गैंग के नौ खाते चालू हैं। इनका ठगी को इस्तेमाल किया जा रहा था। खाताधारक को चार से पांच हजार रुपये किराया देते थे। गैंग ने आंध्र पदेश के काव्या श्री से दो लाख, तेजा फूड से 1.66 लाख, चिर्जावी सिंगड़ी से 2.19 लाख, जमसेदपुर के सोहन तिवारी से 1.40 लाख, तमिलनाडु के ट्रांसपोर्टर लक्ष्मनन से 20 हजार रुपय की ठगी की। महाराष्ट्र के तुकाराम से 15 हजार, मप्र के व्यापारी सत्यनारायण से 20 हजार रुपये की ठगी की।