आगरालीक्स…सर्वाइकल कैंसर—तकलीफों को नजर अंदाज करना बन सकता है जानलेवा. महिलाओं में कैंसर से मौत का दूसरा सबसे बडा कारण. आगरा की गयनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनुश्री रावत से जानिए लक्षण और बचाव…
जांच न कराने से फैलता है ये रोग
क्या आप जानते हैं कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर है? 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में ये कैंसर मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन रहा है. लेकिन ये ऐसी कैंसर की बीमारी है जिसे ठीक किया जा सकता है. भारत में हर साल करीब 74 हजार महिलाएं इस जानलेवा बीमारी का शिकार होती हैं. ज्यादातर महिलाएं इसकी जांच नहीं कराती हैं जिस वजह से ये फैलता जाता है और जानलेवा साबित होता है. इसलिए वक्त रहते इसका इलाज कराना सबसे ज़रूरी है ताकि आप खुद को इसकी चपेट में आने से रोक सकें.
सर्विक्स के कैंसर के क्या कारण हैं?
गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर इन जोखिम कारकों से जुड़ा है:
बहुत कम आयु मेँ विवाह
दो से अधिक बच्चे
व्यक्तिगत/ मासिक धर्म से संबन्धित स्वच्छता का अभाव
धूम्रपान
एक से अधिक यौन साथी होना
डॉ. अनुश्री रावत के अनुसार ह्यूमन पैपीलोमा विषाणु संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का सबसे सामान्य सीधा कारण है. यह विषाणु यौन संपर्क से फैलता है. अतः, एक से अधिक यौन साथी रखना या बहुत कम आयु मेँ यौन क्रिया प्रारम्भ करना इस विषाणु के संक्रमण का जोखिम बढ़ा देता है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण :-
इसमें योनी से असामान्य रक्तस्राव
सेक्स या फिर टेंपोन इंसर्ट करने के दौरान रक्तस्राव होता है
यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द महसूस होना
योनी से रक्तमिश्रित अनियिमित डिस्चार्ज
कमर, पैर में दर्द महसूस होना,
थकान
वजन में कमी, भूख न लगना
डॉ. अनुश्री रावत ने बताया कि यदि आपको ऐसे कोई लक्षण नही भी हों तो भी आपको नियमित अंतराल मेँ पैप स्मीयर परीक्षण करवाते रहना चाहिए जिससे की किसी भी संभावित कैंसर का शुरुआती अवस्था मेँ ही पता चल सके जिससे की चिकित्सा संक्षिप्त और सफल हो. यदि आपका गर्भाशय निकाल दिया गया हो परंतु सर्विक्स नही निकाली गई हो तो भी आपके लिए पैप स्मीयर परीक्षण करवाना आवश्यक होगा.
निम्नलिखित तालिका अंतराष्ट्रीय दिशा निर्देशों के अनुसार यह प्रदर्शित करती है कि आपके लिए कितने अंतराल मेँ पैप स्मीयर करवाना आवश्यक है:-
आयु पैप स्मीयर करवाने का अंतराल
21 वर्ष पैप स्मीयर की आवश्यकता नही
21 – 29 वर्ष तीन वर्ष मेँ एक बार
30 – 65 वर्ष तीन वर्ष मेँ एक बार (या) एचपीवी टेस्ट के साथ 5 वर्ष मेँ एक बार
65 वर्ष संभवतः आपको पैप स्मीयर की आवश्यकता ना हो, पुष्टि के लिए अपने चिकित्सक से बात करें
सर्वाइकल कैंसर से ऐसे करें बचाव
सर्वाइकल कैंसर के अगर शुरुआती लक्षणों को जानकर इसका इलाज कराया जा सकता है. इसलिए हर महिला को अपनी नियमित रूप से चेकअप करना चाहिए.
कंडोम के बिना कई व्यक्तियों के साथ यौन संपर्क से बचें.
हर तीन साल में पैप स्मीयर टेस्ट जरूर कराएं
ऐसी चीजों का सेवन करे जिससे आपका इम्यूनिटी सिस्टम तेजी से काम करे.
स्मोकिंग करना बिल्कुल छोड़ दे.
अपनी डाइट में अधिक मात्रा में फल और सब्जियों को शामिल करे.
रोजाना एक्सराइज के साथ योग करे.
एचपीवी इंफेक्शन को रोकने वाले इंजेक्शन लेने से इसकी रोकथाम की जाती है. इस टीकाकरण को डॉक्टर की सलाह पर आप जितना जल्दी ले लेंगी आपको सर्वाइकल कैंसर का ख़तरा उतना कम हो जाएगा.
डॉ. अनुश्री रावत के अनुसार
समय रहते खुदं की समस्याओं को समझें और अपने डॉक्टर से सही सलाह लीजिए अपनी तकलीफों को नजर अंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है
आप सवस्थ रहेंगी तभी आपका परिवार स्वस्थ और सम्पूर्ण रहेगा
डॉ. अनुश्री रावत
कंसलटेंट गयनेकोलॉजिस्ट , आगरा वुमन वैलनेस सेंटर ,आगरा (AGRA WOMAN WELLNESS CENTRE, AGRA)
07398888889