आगरालीक्स…आगरा में नगर निगम द्वारा संपत्ति कर में 10 प्रतिशत छूट को चैंबर ने बताया सामान्य घोषणा. कहा—उद्यमी और व्यापारियों को कठिनाइयों से नहीं मिलेगा लाभ.
चैम्बर अध्यक्ष, मनीष अग्रवाल बताया कि नगर निगम द्वारा औद्योगिक एवं व्यापारिक भवनों पर दिनांक 17 अप्रैल को संपत्ति कर में 10ः की छूट की घोषणा की है। इस पर उद्यमियों और व्यापारियों ने असंतोष व्यक्त किया है कि यह तो नगर निगम द्वारा की जाने वाली यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे गृह कर में कोई विशेष राहत नहीं है। चेंबर द्वारा लगातार यह मांग की जा रही है कि गृह कर अधिनियम में व्याप्त विसंगतियों को दूर किया जाए।
उन्होंने कहा कि 5 अप्रैल 2021 को मेयर नवीन जैन के साथ चेंबर भवन में हुई बैठक में भी उद्यमियों व्यापारियों ने यह मांग उठाई थी कि नगर निगम द्वारा औद्योगिक इकाइयों पर संपत्ति कर में नोटिस भेजने से पूर्व तिथि से ब्याज लगा दी है। जिसमें संपत्ति कर से भी अधिक ब्याज हो रही है। उद्यमियों एवं व्यापारियों ने यह तर्क रखा था कि नोटिस भेजने से पूर्व संपत्ति कर की राशि पर ब्याज कैसे ली जा सकती है, क्योंकि मांग उत्पन्न होने के बाद ही भुगतान किया जाता है और भुगतान लंबित होता है। ब्याज लंबित भुगतान पर ही लगाई जाती है। अतः भुगतान पत्र से पूर्व किसी से ज लगाना तर्कसंगत नहीं है। इस विसंगति को माननीय मेयर महोदय ने उक्त बैठक में स्वीकार किया था और आश्वासन दिया था कि इस संदर्भ में वे नगर निगम के अधिकारियों से वार्ता करेंगे। उद्यमियों का उत्पीड़न नहीं होने देंगे। किंतु समाचार पत्र में 10 पतिशत की छूट की सूचना से उद्यमियों व व्यापारियों में असंतोष व रोष है कि यह तो एक सामान्य प्रक्रिया है। इस अल्प छूट से उद्यमी और व्यापारियों को नियम उपनियमों में व्याप्त विसंगति के कारण हो रही कठिनाइयों में कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है।
चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने पुनः बताया कि मेयर महोदय ने पुराने बकाये में ब्याज माफी का आश्वासन दिया था उससे उद्यमियों और व्यापारियों में एक आशा की किरण जागी थी। लेकिन 10 प्रतिशत की छूट के समाचार से उनके द्वारा दिया गया आश्वासन खोखला सिद्ध हुआ है।
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील सिंघल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, नगर निगम प्रकोष्ठ के चेयरमैन विष्णु भगवान अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार गोयल, अतुल कुमार गुप्ता एवं राकेश चौहान ने नगर निगम की इस सूचना पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि नियमों -उपनियमों में जो विसंगतियां हैं उनको दूर करने के बजाए नगर निगम 10 प्रतिशत की छूट देने की बात कर रहा है जो विसंगतियों के कारण उत्पन्न समस्याओं के लिए कोई समाधान नहीं हो सकता।