आगरालीक्स.. आगरा में एबीएसए पूनम चौधरी को रिश्वते लेते रंगे हाथ पकडे जाने के बाद शिक्षक उनके समर्थन में आ गए हैं, एबीएसए को निर्दोष बताते हुए विजिलेंस टीम की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। सोमवार को पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षक कलेक्ट्रेट पहुंचे, उन्होंने प्रदर्शन किया और मामले की जांच कराने की मांग की। शिक्षकों का आरोप है कि साजिश के तहत एबीएसए पूनम चौधरी को फंसाया गया है। उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन देते हुए तीन दिन में मांग प्रकरण की जांच कराने के लिए कहा है, इसके बाद आंदोलन की चेतावनी दी है।
आगरा में शिक्षा विभाग में सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी पूनम चौधरी की विकास खंड शमसाबाद में सहायक खंड शिक्षा अधिकारी (एबीईओ) में कार्यरत हैं। इसी ब्लॉक में ब्लॉक रिसोर्स सेन्टर (एबीआरसी) के पद पर रानी परिहार कार्यरत हैं। उन्होंने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि रानी परिहार को चाइल्ड केयर लीव देने के लिए एबीएसए पूनम चौधरी ने 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी, रिश्वत न देने पर छुट्टी स्वीकृत नहीं कर रही थीं।
15 फरवरी को 50 हजार रुपये लेते ही दबोचा
इस मामले की शिकायत एबीईओ रानी परिहार ने विजिलेंस टीम से की, पूरी प्लानिंग के साथ बुधवार को सादा ड्रेस में विजिलेंस की टीम के साथ एबीईओ रानी परिहार शमसाबाद पहुंची। यहां रानी परिहार ने जैसे ही एबीएसए के पूनम चौधरी को रिश्वत के 50 हजार रुपये दिए, विजिलेंस टीम ने रुपयों के साथ उन्हें पकड लिया। विजिलेंस टीम दोनों को थाने ले गई। पूनम चौधरी को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा। एबीएसए पूनम चौधरी ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें फंसाया गया है।
डेढ महीने पहले ही लिया था चार्ज
कुछ साल पहले शमसाबाद ब्लॉक में हुए किताब घोटाले के आरोपों में पूनम चौधरी फंस गई थी, इस मामले में उन्हें न्यायालय से राहत मिली। उन्होंने अभी हाल ही में शमसाबाद ब्लॉक में ड्यूटी जॉइन की थी।
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